Haryana

सेवा और सामाजिक सरोकार संघ के लिए सर्वोपरि: महेश जोशी

हरियाणा रेडक्रास के महासचिव महेश जोशी

आजादी की लड़ाई से लेकर प्राकृतिक आपदाओं तक स्वयं सेवकों की अलग पहचान

चंडीगढ़, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । हरियाणा रेडक्रास के महासचिव महेश जोशी ने कहा है कि सौ वर्ष की अपनी गौरव यात्रा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सेवा व सामाजिक सरोकार को प्राथमिकता देते हुए सदैव स्वयंसेवकों में मानवीय जीवन मूल्यों व सांस्कृतिक पुनर्जागरण के आधार पर वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को जीवंतता प्रदान करते हुए विश्व के लगभग 100 देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इससे विश्व बंधुत्व की भावना भी दृढ़ हुई हैं।

महेश जोशी ने कहा कि संघ का दृष्टिकोण सदैव यह रहा है कि समाज की सबसे छोटी इकाई तक राष्ट्रीय चेतना पहुंचे और हर व्यक्ति ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’ की भावना से कार्य करे। इसी आधार पर सेवा और सामाजिक सरोकार आरएसएस की प्राथमिकता बन गए हैं, क्योंकि राष्ट्र का उत्थान तभी संभव है जब समाज संगठित, शिक्षित, आत्मनिर्भर और संस्कारित हो। भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पुनर्जागरण की यात्रा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण और विशिष्ट रही है। 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा नागपुर में स्थापित यह संगठन आज विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बन चुका है। संघ का मूल उद्देश्य केवल संगठन निर्माण या वैचारिक प्रचार नहीं, बल्कि एक ऐसा राष्ट्रनिर्माण है जो सेवा, एकता और स्वाभिमान के आदर्शों पर आधारित हो। हिन्दुत्व की संकीर्ण मानसिकताओं को दूर करके जीवन शैली के रूप में विकसित होते हुए भारत को विश्वगुरु के रूप में आरूढ़ होता देखना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रत्येक स्वयंसेवक का सपना रहा है।

जोशी ने कहा कि 1947 के विभाजन के दौरान राहत शिविरों से शुरू होकर 1962, 1965, 1971 के युद्ध में स्वयंसेवकों की भूमिका ना केवल सराहनीय रही अपितु दशकों में आई भूकंप, महामारी व अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय संघ के स्वयंसेवकों के कार्यों ने अपनी विशेष पहचान बनाई है तथा सेवा कार्यों के बल पर अपने सामाजिक दायित्वों को पूरा करते हुए महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

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(Udaipur Kiran) शर्मा

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