Uttar Pradesh

सीता स्वयंवर में बरसे फूल, जय श्रीराम के जयघोष से गूंज उठा विंध्याचल

सीता स्वयंवर का मंचन करते कलाकार।

– ताड़का और सुबाहु वध के मंचन पर दर्शक हुए भावविभोर, पंडाल में उमड़ी भक्तों की भीड़

मीरजापुर, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । श्री विंध्य प्राचीन रामलीला समिति की ओर से विंध्याचल स्थित मोतीझील मार्ग पर चल रही भव्य रामलीला के तीसरे दिन शनिवार की रात मंचन के दौरान सीता स्वयंवर, अहिल्या उद्धार, ताड़का और सुबाहु वध की लीलाओं ने दर्शकों को भक्तिभाव से सराबोर कर दिया। पंडाल में जहां फूलों की वर्षा हुई, वहीं श्रीराम के जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा।

सांझ से ही लीला स्थल पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मंच पर गुरु विश्वामित्र के साथ प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण के धनुष यज्ञ में पहुंचने, राजा जनक द्वारा प्रतिज्ञा की घोषणा और शिव धनुष भंजन का दृश्य अत्यंत मनोरम रहा। जैसे ही श्रीराम ने शिव धनुष तोड़ा, पंडाल “जय श्रीराम” के जयघोष से गुंजायमान हो उठा। तत्पश्चात सीता ने श्रीराम के गले में वरमाला डालकर स्वयंवर की रस्म पूरी की, और मंच से फूलों की वर्षा होने लगी।

मुख्य अतिथि नगर विधायक पंडित रत्नाकर मिश्र ने प्रभु श्रीराम की आरती और पूजन-अर्चन किया। उन्होंने कहा कि “मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का चरित्र आदर्श और अनुकरणीय है, हमें उनके आदर्शों पर चलना चाहिए।”

इस दौरान मंच पर कमल मिश्र ने श्रीराम, देवी दीक्षित ने लक्ष्मण, पूजा वर्मा ने सीता, आदर्श उपाध्याय ने गुरु विश्वामित्र, राजा ने ताड़का, अतुल ने सुबाहु, उत्सव पांडेय ने मारीच और रामेश्वर त्रिपाठी ने राजा जनक की भूमिका निभाई। मंच संचालन प्रशांत द्विवेदी ने किया।

कार्यक्रम के संयोजक कमल मिश्र रहे, जबकि संरक्षक प्रकाश चंद्र पांडेय, अध्यक्ष संगम लाल त्रिपाठी, मंत्री आदर्श उपाध्याय, निर्देशक राज गिरी, मीडिया प्रभारी संतोष कुमार सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक और श्रद्धालु उपस्थित रहे।

लीला का समापन सीता स्वयंवर के साथ हुआ, जहां जय श्रीराम के जयघोष और फूलों की बरसात के बीच भक्ति और आनंद का अद्भुत संगम देखने को मिला।

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(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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