Uttrakhand

आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक विधियों से किसान खेती को बनाएंगे और अधिक लाभकारी: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पंतनगर विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पंतनगर विश्वविद्यालय की नवीन दलहनी प्रजातियों का लोकार्पण और “पंतनगर प्रवाह” पुस्तक का विमोचन करते।

-मुख्यमंत्री ने पंतनगर विश्वविद्यालय में 118वें किसान मेले और कृषि उद्योग प्रदर्शनी का किया उद्घाटन

-पंतनगर विश्वविद्यालय की नवीन दलहनी प्रजातियों का लोकार्पण और “पंतनगर प्रवाह” पुस्तक का किया विमोचन

ऊधमसिंह नगर, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाेंने कहा कि कृषि मेला किसानों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों के बीच नवाचार और ज्ञान के आदान-प्रदान का माध्यम है। इस मेले में प्रदर्शित की जा रही आधुनिक तकनीकों और नवाचारों के माध्यम से हमारे किसान भाई पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ नई वैज्ञानिक विधियों को अपनाकर अपनी खेती को और भी अधिक उत्पादक, टिकाऊ और लाभकारी बना पाएंगे।

मुख्यमंत्री धामी रविवार को पंतनगर विश्वविद्यालय में आयोजित 118वें अखिल भारतीय किसान मेला और कृषि उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद संबाेधित कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पंतनगर विश्वविद्यालय की ओर से उत्पादित नवीन दलहनी प्रजातियों का लोकार्पण व पंतनगर प्रवाह नामक पुस्तक का विमोचन भी किया। इस माैके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के किसान मेले और कृषि प्रदर्शनी में 400 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें से 200 से अधिक स्टॉल देश के विभिन्न राज्यों से आए कृषि क्षेत्र से जुड़े उद्योगों, स्टार्टअप्स और उद्यमियों ने लगाए गए हैं। उन्हाेंने कहा कि ऐसे आयोजन मात्र कृषि उत्पादों और यंत्रों के प्रदर्शन तक सीमित नहीं होते, बल्कि ये किसानों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों के बीच ज्ञान, अनुभव और नवाचार के आदान-प्रदान का महत्वपूर्ण माध्यम भी होते हैं। मेले में प्रदर्शित की जा रही आधुनिक तकनीक से राज्य की कृषि व्यवस्था भी सशक्त और समृद्ध बनेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना से खेतों की मिट्टी की वैज्ञानिक जांच कर किसानों को पोषक तत्वों की कमी और आवश्यक उर्वरकों की जानकारी भी दी जा रही है, जिससे उनकी उपज की गुणवत्ता और भूमि की उर्वरता दोनों में सुधार हो रहा है। इस वर्ष के बजट में कृषि को विकास का प्रमुख इंजन मानते हुए जहां एक ओर किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढाकर 5 लाख रुपये करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है, वहीं प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ सिंचाई और कृषि तकनीकों के विकास पर भी विशेष फोकस किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को तीन लाख रूपये तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध करा रही है। इसके अलावा कृषि उपकरण खरीदेने के लिए फार्म मशीनरी बैंक योजना के माध्यम से 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दे रही हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में नहरों से सिंचाई को पूरी तरह मुफ्त करने का काम किया है। साथ ही, हमने किसानों की आय बढ़ाने के लिए पॉलीहाउस के निर्माण के लिए 200 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान भी किया है। जिसके अंतर्गत अब तक राज्य में लगभग 115 करोड़ रुपये की सहायता से करीब 350 पॉलीहाउस स्थापित किए जा चुके हैं। इतना ही नहीं, हम जहां एक ओर गेहूं खरीद पर किसानों को 20 रूपये प्रति क्विंटल का बोनस प्रदान रहे हैं, वहीं हमने गन्ने के रेट में भी 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा आधारित खेती को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए लगभग 1,000 करोड़ रुपये की लागत से उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट भी स्वीकृत किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सब्जियों की तरह ही फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी विभिन्न स्तरों पर काम कर रही है। हाल ही में हमारी सरकार ने 1200 करोड़ रुपये की लागत से नई सेब नीति, कीवी नीति, स्टेट मिलेट मिशन और ड्रैगन फ्रूट नीति जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया है। इन नीतियों के तहत बागवानी को प्रोत्साहन देने के लिए किसानों को 80 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की जा रही है। किसानों की उपज की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए ग्रेडिंग सॉर्टिंग यूनिट के निर्माण के लिए भी अनुदान प्रदान कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज इस अवसर पर मैं,आप सभी कृषि वैज्ञानिकों से आग्रह करना चाहता हूं कि आप हमारी पारंपरिक कृषि व्यवस्था पर भी अनुसंधान करें और जानें कि हमारे पूर्वजों ने हजारों वर्षों से अपनी कृषि सभ्यता को कैसे संरक्षित रखा,अपनी धरती की उर्वरकता को कैसे बनाए रखा और उत्पादन की गुणवत्ता को भी निरंतर सुनिश्चित किया। उन्होंने वैज्ञानिकों से आग्रह करते हुए कहा कि आप लोग अपने शोध कार्य और नवीनतम तकनीकी ज्ञान को शीघ्रता से किसानों तक पहुंचाएं, ताकि ये ज्ञान उनके उत्पादन और आय में वृद्धि का माध्यम बन सके और कृषि अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाया जा सके।

कार्यक्रम में विधायक शिव अरोरा, त्रिलोक सिंह चीमा, सुरेश गाड़िया, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा सभी जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

Most Popular

To Top