
मुंबई,12 अक्टूबर ( हि.स.) । दिवाली खुशी, रोशनी और स्नेह का त्योहार है… लेकिन भीड़-भाड़ वाले शहर में, कई बुज़ुर्ग ऐसे भी हैं जो इस त्योहार में भी घर पर अकेले दीये जलाते हैं। बच्चे विदेश में हैं, रिश्तेदार दूर हैं, और दरवाज़ा खटखटाने वाला कोई नहीं है… ऐसे अकेलेपन में, कोपरी पुलिस मिठाइयों, फूलों और स्नेह के उपहारों के साथ दिवाली का असली दीया लेकर आई।
कोपरी पुलिस, जो न केवल त्योहार के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने, बल्कि समाज की संवेदनशीलता को बनाए रखने की ज़िम्मेदारी भी निभाती है, ने ठाणे पुलिस आयुक्त आशुतोष दुंबरे के मार्गदर्शन में ‘वरिष्ठ नागरिक सेवा अभियान’ चलाया है। इस पहल के तहत, पुलिस अकेले रहने वाले बुज़ुर्गों के घर जाकर उनकी ज़रूरतों के बारे में पूछताछ करती है, उनकी ज़रूरतों का पता लगाती है और इस दिवाली उनके हाथों में मीठी मिठाइयाँ बाँटकर उनकी खुशियाँ बढ़ाती है।
हर साल, कोपरी पुलिस दिवाली के दौरान नियमित रूप से यह पहल करती है। मिठाई देकर वे बुजुर्गों को ‘अपना’ होने का एहसास दिलाते हैं। हालाँकि, कई बुजुर्गों की आँखों में कृतज्ञता के आँसू आ जाते हैं। पुलिस ने बुजुर्गों को मिठाई देकर शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक निशिकांत विश्वकर, पुलिस उपनिरीक्षक सीताराम गावित, जितेंद्र खलाटे, बापू कोलेकर उपस्थित थे।
ठाणे कोपरी स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक निशिकांत विश्वकर बतलाते हैं कि हमने अपने इलाके में अकेले रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों का व्यक्तिगत विवरण दर्ज कर लिया है। अगर उन्हें कोई समस्या होती है या मदद की ज़रूरत होती है, तो पुलिस तुरंत उनके घर पहुँच जाती है। हम यह भी ध्यान रखते हैं कि उनके घर कौन आता-जाता है, कर्मचारी कैसा व्यवहार करते हैं। हमारा लक्ष्य है। ‘वरिष्ठ नागरिक सुरक्षित, संतुष्ट और खुश रहें!
ठाणे पूर्व के निवासी एक नागरिक प्रशांत सिनकर ने बताया कि कुछ बुजुर्ग पिछले 35 सालों से कोपरी में रह रहे हैं। वे एकदम अकेले हैं। पुलिस नियमित रूप से उनके घर आती है और उनकी खोज खबर लेती रहती है,। कोपरी पुलिस ने दरियादिली दिखाई है।
उन्होंने एक डायरी भी रखी है। इस दिवाली, निशिकांत विश्वकर साहब खुद मिठाई लेकर एक तन्हा रह रहे बुजुर्ग के घर गए तो उनका मेरा दिल भर आया.।..बुजुर्ग का कहना है कि कोपरी पुलिस अब हमारे लिए परिवार जैसी हो गई है!”
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
