
– नवीन प्रदाय केंद्रों से घटा परिवहन व्यय, 197.16 लाख रुपये की होगी वार्षिक बचत
भोपाल, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन सामग्री की आपूर्ति व्यवस्था को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने शनिवार को जानकारी दी कि मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना के अंतर्गत 15 जिलों में विकासखण्ड स्तर पर नवीन प्रदाय केंद्र खोले गए हैं, जिससे राशन सामग्री के उचित मूल्य दुकानों तक परिवहन की दूरी में उल्लेखनीय कमी आई है।
मंत्री राजपूत ने बताया कि इन प्रदाय केंद्रों के खुलने से राशन सामग्री के प्रदाय केंद्र और उचित मूल्य दुकानों के बीच की औसत दूरी घट गई है, जिससे परिवहन व्यय में भारी बचत संभव हुई है। विभागीय विश्लेषण के अनुसार, 12 जिलों में परिवहन दूरी में कमी आने से औसत परिवहन एवं हैंडलिंग दरों में गिरावट दर्ज की गई है, जिसके फलस्वरूप राज्य को वार्षिक 197.16 लाख रुपये की बचत होगी।
खाद्य मंत्री राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना के अंतर्गत अनुबंधित परिवहनकर्ताओं को परिवहन व्यय का निर्धारण प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत आवंटित खाद्यान्न की दूरी और डीजल खपत के आधार पर किया जाता है। साथ ही अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत आवंटित खाद्यान्न, शक्कर और नमक के लिए परिवहन व्यय शासन द्वारा जारी लागत पत्रक के अनुसार देय है।
मंत्री राजपूत ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक पात्र हितग्राही तक राशन सामग्री समय पर, गुणवत्ता के साथ और न्यूनतम लागत में पहुँचे। विकासखण्ड स्तर पर प्रदाय केंद्रों के खुलने से अब राशन वितरण की प्रक्रिया और अधिक तेज, पारदर्शी एवं जनसुलभ हो गई है। उन्होंने कहा कि इस पहल से जहां विभाग को आर्थिक बचत हुई है, वहीं ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों तक खाद्यान्न वितरण की लॉजिस्टिक दक्षता में भी उल्लेखनीय सुधार आया है। यह कदम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के ‘सशक्त ग्रामीण वितरण तंत्र’ के विज़न को साकार करने की दिशा में एक और ठोस प्रयास है। विभाग निरंतर आपूर्ति श्रृंखला को आधुनिक और लागत प्रभावी बनाने की दिशा में कार्यरत है जिससे हर परिवार तक अन्न की सहज और समयबद्ध पहुँच सुनिश्चित हो सके।
(Udaipur Kiran) तोमर
