
गाजियाबाद, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । गाजियाबाद में सर्व समाज के बैनर तले शहर के विभिन्न हिंदू संगठनों के द्वारा धर्म स्वतंत्र्य विधेयक के समर्थन में शनिवार को एक यात्रा निकाली गई। अपने संबोधन में धर्माचार्य पंडित अशोक कृष्ण ठाकुर महाराज (राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्व सेवा परिषद) ने अपने संबोधन में कहा कि इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का भीषण षड्यंत्र देश के अंदर चल रहा है। जिसका उद्देश्य देश के अंदर हिंदू समाज का धर्मांतरण करना और देश के मूल सांस्कृतिक धरौर पर कुठाराघात करना है।
महाराज जी ने कहा कि हम इस कानून का पुरजोर समर्थन करते हैं, धर्म स्वतंत्रता कानून समाज में बढ़ते अवैध धर्मांतरण के प्रयासों पर नियंत्रण लगाने के लिए एक आवश्यक कदम है। यह कानून किसी धर्म के विरोध में नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक अखंडता और आध्यात्मिक संतुलन की रक्षा के लिए लाया गया है। धर्म स्वातंत्र्य का अनुच्छेद 25 न केवल धर्म बदलने की,बल्कि प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म में सुरक्षित रहने की स्वतंत्रता भी सुनिश्चित करता है।
धर्मांतरण पर स्पष्ट दृष्टिकोण छल,बल और प्रलोभन पर आधारित धर्मांतरण को व्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन और समाज की सांस्कृतिक अस्मिता पर सीधा आघात माना गया है मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश, हिमाचल, उत्तराखंड सहित विभिन्न राज्यों द्वारा बनाए गए धर्म- स्वातंत्र्य कानून किसी की आस्था छीनते नहीं, बल्कि नागरिकों को दबावमुक्त धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देते है और देश के सांस्कृतिक संतुलन की रक्षा करते हैं। इन कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में सामूहिक रूप से चुनौती देने को एक सुनियोजित षड्यंत्र के रूप में देखा गया, जिसका उद्देश्य भारत के मूल सांस्कृतिक ताने-बाने को तोड़ना है।
डासना मंदिर से यति रणसिंहानन्द गिरी जी ने आवाहन किया कि समाज इस षड्यंत्र को पहचानें और धर्म-स्वातंत्र्य कानूनों का पुरजोर समर्थन करे। ये कानून केवल हिन्दू समाज ही नहीं ब्लकि भारतीयता के रक्षक है, इस दौरान उपस्थित रहे आलोक गर्ग सुभाष बजरंगी संजीव बरनवाल,सत्येंद्र ठाकुर,अजय, सुनील कुमार आदि मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान/सुरेश
(Udaipur Kiran) / सुरेश चौधरी
