West Bengal

बंगाल सरकार ने ई-रिक्शा पंजीकरण किया अनिवार्य, मालिकों के लिए 30 नवंबर तक की समयसीमा तय

ई रिक्शा

कोलकाता, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में ई-रिक्शा, जिन्हें आमतौर पर ‘टोटो’ कहा जाता है, के संचालन को नियमित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। परिवहन विभाग ने सभी ई-रिक्शाओं का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए वाहन मालिकों को 30 नवंबर तक अनिवार्य रूप से प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

परिवहन विभाग की ओर से शनिवार को जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि सभी ई-रिक्शाओं को ‘डिजिटल अस्थायी टोटो एनरोलमेंट नंबर’ (टीटीईएन) लेना होगा। यह प्रक्रिया 13 अक्टूबर से शुरू होगी।

विभाग के अनुसार, एक नया ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से सभी पंजीकृत ई-रिक्शाओं को क्यूआर कोड से ट्रैक किया जाएगा। इससे अवैध टोटो संचालन पर रोक लगेगी और वाहनों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सकेगी।

परिवहन सचिव सौमित्र मोहन ने कहा कि राज्य सरकार बिना पंजीकरण वाले और असुरक्षित ई-रिक्शाओं पर सख्त कार्रवाई कर रही है। उन्होंने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि स्थानीय गैराजों में तैयार किए गए गैर-पंजीकृत बैटरी चालित रिक्शाओं की पहचान कर उन्हें जब्त किया जाए।

उन्होंने कहा कि कई ई-रिक्शा केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 के मानकों का पालन नहीं करते। ऐसे वाहनों को बनाने या जोड़ने वाले यूनिटों को नोटिस जारी कर सील किया जाएगा। केवल वही यूनिट संचालन कर सकेंगे जिनके पास निर्धारित सुरक्षा मानकों के अनुरूप लाइसेंस होगा।

परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया कि जो ई-रिक्शा निर्धारित प्रोटोटाइप के अनुरूप नहीं बनाए गए हैं, उन्हें राज्य या राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

स्थानीय प्रशासन को अपने क्षेत्र में चलने वाले सभी ई-रिक्शाओं की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें मालिकों के नाम और निर्धारित रूट का विवरण शामिल होगा। वहीं, जिन ई-रिक्शाओं को मान्यता नहीं मिली है, उनके मालिकों को दो वर्ष का समय दिया जाएगा ताकि वे अपने वाहन बदल सकें।

विभाग ने यह भी कहा कि स्थानीय स्तर पर निर्मित या डीलर्स एसोसिएशन अथवा राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की मंजूरी प्राप्त ई-रिक्शा भी तब तक नहीं चल सकेंगे, जब तक उन्हें मोटर वाहन प्राधिकरण की स्वीकृति और एचएसआरपी फिटमेंट नहीं मिल जाता।

बिना पंजीकरण वाले ई-रिक्शा मालिकों को छह महीने के अस्थायी प्राधिकरण नंबर के लिए हजार रुपये का शुल्क देना होगा, जबकि आगे के नवीनीकरण के लिए 100 का शुल्क तय किया गया है।

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बंगाल में हैं करीब 10 लाख ई-रिक्शा

परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में राज्य में 10 लाख से अधिक ई-रिक्शा चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि टोटो स्थानीय परिवहन का अहम हिस्सा हैं और लाखों लोगों की आजीविका का माध्यम भी हैं, लेकिन इनके कारण कई बार सड़कों पर जाम और सुरक्षा संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसी वजह से इनके संचालन को व्यवस्थित ढांचे में लाने की आवश्यकता महसूस हुई।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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