
अशोकनगर, 11 अक्टूबर(Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के शाढौरा थाना अंतर्गत बमुरिया गांव के व्यक्ति की संदिग्ध मौत पर चार पुलिस कर्मियों के निलंबन और मजिस्ट्रीयल जांच के बावजूद मामला तूल पकड़ता गया है। कांग्रेस द्वारा निलंबित पुलिस कर्मियों के विरुद्ध हत्या का प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई है।
जिला कांग्रेस कमेटी के द्वारा शनिवार को पत्रकारवार्ता आयोजित कर पुलिसिया कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए गए और दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज न करने पर प्रदेश स्तरीय आंदोलन करने की चेतावनी दी गई। आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश सचिव यादवेन्द्र सिंह यादव, जिलाध्यक्ष राजेन्द्र कुशवाह, विधायक हरिबाबू राय ने पुलिस पर गंभीर सवाल खड़े किए।
दरअसल बमुरिया गांव निवासी पचास वर्षीय लाखन यादव की संदिग्ध अवस्था में मौत होना पाई गई थी, घटना को लेकर पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया गया था और विरोध स्वरूप शव रखकर चक्काजाम किया था। जिस पर एसपी द्वारा चार पुलिस कर्मियों को निलंबन एवं थाना प्रभारी को लाइन हाजिर किया गया।
जानकारी अनुसार गुरुवार रात 8 बजे पुलिस बमुरिया गांव पहुंची थी, जहां कुछ लोग शराब पी रहे थे। पुलिस को देख लोग भागे, इसी भागमभाग में लाखन यादव भी तालाब की तरफ भागा। बाद में बताया गया कि रात 10 बजे के दरम्यान फिर पुलिस गांव की लाईट बंद कराकर गांव पहुंची और लाखन यादव को चुपचाप शाढौरा अस्पताल ले आई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस तरह उक्त मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही। उक्त पुलिस की भूमिका को देखते हुए ग्रामीणजनों द्वारा पुलिस द्वारा हत्या करने के आरोप लगाए गए।
तत्पश्चात आयोजित पत्रकारवार्ता में यादवेन्द्र सिंह यादव ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर आरोप लगाते हुए कहा कि जिले में पुलिस अपनी जेब भरने का काम कर रही है, पुलिस से भयभीत होकर मृतक भागा, मृतक का पैर भी टूटा हुआ पाया गया था उनकी संदिग्ध मौत गंभीर मामला है, पुलिस स्वयं शराब पीकर गांव पहुंची थी। पूरे जिले में पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।विधायक हरिबाबू राय एवं राजेन्द्र कुशवाह ने पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि प्रकरण की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और पुलिस कर्मियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हो अगर सात दिनों में इस तरह की कार्रवाई नहीं हुई तो जिले में पुलिस कार्यप्रणाली के विरुद्ध प्रदेश स्तरीय आंदोलन किया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र ताम्रकार
