
मंडी, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हुए, विश्व जागृति मिशन के संस्थापक सुधांशु महाराज की बेटी एवं योग गुरु आर्चिका दीदी ने कहा कि दुखी रहने वाले व्यक्ति को भगवान के चरणों का ध्यान करना चाहिए। उन्होंने भीमा काली मंदिर में आयोजित ‘गोविंद ध्यानम एवं गीता प्रवचन’ शिविर के शुभारंभ पर ये उद्गार व्यक्त किए।
योग गुरु आर्चिका दीदी ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें न तो दुखी होकर जीना चाहिए और न ही किसी के आगे हाथ फैलाना चाहिए। उन्होंने बल दिया कि हमें स्वयं के साथ-साथ दूसरों का भी सहारा बनना है, खुश होकर जिंदगी जीनी है। दीदी ने कहा कि किसी को दुखी नहीं करना है और साथ ही हमें क्षमा मांगना और क्षमा करना भी सीखना होगा। उन्होंने ईश्वर से जुड़ने के लिए स्वयं को सात्विक बनाने और सभी को हाथ जोड़कर ‘हरि ओम’ और ‘प्रणाम’ करने की सलाह दी। उन्होंने सभी से तेजस्वी बनने और स्वयं को भगवान का बच्चा मानकर ध्यान करने का आह्वान किया, ताकि हम अच्छाई को बढ़ा सकें।
आर्चिका दीदी ने छोटी काशी (मंडी) पर कोई आपदा न आए, इसकी कामना की, और जो लोग आपदाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं, उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने सभी के सुख की कामना की। शाम 5 बजे योग गुरु आर्चिका दीदी का स्वागत देव धुन के साथ किया गया। सर्वप्रथम उन्होंने भीमा काली मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व एसपीयू कुलपति अनुपमा सिंह और कांग्रेसी नेत्री चंपा ठाकुर मौजूद रहीं। शाम 5 बजे गोविंद ध्यानम एवं गीता प्रवचन का शिविर ओम के उच्चारण के साथ स्वाध्याय से शुरू हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस शिविर का उद्देश्य लोगों को ध्यान, आत्म-ज्ञान और भगवत-भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
