Uttar Pradesh

बेटा-बेटी में भेदभाव समाप्त कर दोनों को उपलब्ध कराएं एक समान अवसर : कमलावती सिंह

नवजात बछिया को किट वितरित करती उत्तर प्रदेश महिला  कल्याण निगम की सदस्य कमलावती व अन्य का छायाचित्र

कानपुर, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ केवल एक अभियान नहीं, बल्कि समाज में लैंगिक समानता स्थापित करने का सशक्त माध्यम है। हमें बेटियों को केवल जन्म देने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें शिक्षित, आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। बेटा-बेटी में भेदभाव समाप्त कर प्रत्येक बालिका को जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का समान अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। यह बातें शनिवार को उत्तर प्रदेश महिला कल्याण निगम की अध्यक्ष कमलावती सिंह ने कही।

मिशन शक्ति 5.0 अभियान के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिला महिला अस्पताल में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश महिला कल्याण निगम की अध्यक्ष कमलावती सिंह द्वारा अस्पताल में जन्मी नवजात बालिकाओं को बेबी किट वितरित किए गए।

कार्यक्रम का शुभारंभ केक काटकर किया गया। इस अवसर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास सिंह, डफरिन अस्पताल की अधीक्षिका, महिला कल्याण विभाग की हब टीम, विभागीय अधिकारी-कर्मचारी तथा अस्पताल का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ एवं तालियों की गड़गड़ाहट से किया गया।

इस अवसर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास सिंह ने महिला कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं — कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने उपस्थित माताओं से अपील की कि वे इन योजनाओं का लाभ अवश्य लें और अपनी बच्चियों के उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें शिक्षित करने का संकल्प लें।

बालिकाओं के जन्म पर उपहार स्वरूप बेबी किट प्राप्त कर अभिभावकों के चेहरे प्रसन्नता से खिल उठे। कार्यक्रम स्थल पर आनंद, उल्लास और मातृत्व की भावनाओं से परिपूर्ण वातावरण देखने को मिला।

कार्यक्रम का समापन नवजात बालिकाओं की दीर्घायु, स्वस्थ जीवन और उज्जवल भविष्य की मंगलकामनाओं के साथ किया गया।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप

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