
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । आम आदमी पार्टी (आआपा) के नेता और दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने शनिवार को डीबीसी एवं एमटीएस कर्मचारियों की मांगे पूरी करने को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखा। नारंग ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से अपील की कि इस मामले में त्वरित हस्तक्षेप करें और डीबीसी कर्मचारियों की मांगों को स्वीकार करवाकर उनकी हड़ताल समाप्त कराएं, जिससे निगम का कार्य सुचारू रूप से चल सके और दिल्ली के नागरिक स्वस्थ रह सकें।
अंकुश नांरग ने पत्र में कहा कि निगम के डीबीसी कर्मचारी पिछले 12 दिनों से निगम मुख्यालय, सिविक सेंटर के बाहर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। यह कर्मचारी नगर निगम में समान कार्य करते हुए भी वेतन में भेदभाव का शिकार हैं। निगम प्रशासन से न महापौर और न ही स्थायी समिति की अध्यक्ष ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए समाधान की पहल की है।
नारंग ने कहा कि इस विषय को कई बार निगम हाउस और स्थायी समिति में उठाया है और इसी संदर्भ में महापौर, निगमायुक्त सहित संबंधित अधिकारियों को पत्र भी लिखा है कि डीबीसी कर्मचारियों की मांगों पर गंभीरता से विचार करें और उनका जायज अधिकार उन्हें प्रदान करें ताकि वे पुनः कार्यस्थल पर लौटकर दिल्लीवासियों को मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया एवं अन्य बीमारियों से बचाने में सक्षम हो सकें। उन्होंने बताया कि डीबीसी कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल आठ अक्टूबर को मुख्यमंत्री के कार्यालय में अपनी समस्या लेकर पहुंचा था, परन्तु तीन घंटे बैठने के बाद भी उनसे मुख्यमंत्री की कोई मुलाकात नहीं हो सकी।
अंकुश नारंग ने सवाल उठाया कि एक ही निगम, एक ही स्तरीय कर्मचारी और समान कार्य के लिए वेतन में इतना बड़ा अंतर क्यों है? निगम में 212 डीबीसी कर्मचारियों को मासिक वेतन 27,500 रुपये दिया जा रहा है, विभाग ने उन्हें एमटीएस ग्रेड पे 5200 रुपये दिया है, जबकि बाकी 5 हजार डीबीसी कर्मचारियों को मात्र 16,500 रुपये मासिक वेतन प्राप्त हो रहा है। उनकी मुख्य मांग है कि समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए।
अंकुश नारंग ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से निगम प्रशासन उनकी समान कार्य समान वेतन की मांग को स्वीकार कर लेता है तो इसका वित्तीय प्रभाव मात्र 50-60 करोड़ रुपये होगा।
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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी
