
कोलकाता, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य इकाई को स्पष्ट निर्देश दिया है कि कोई भी नेता विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को लेकर कोई भविष्यवाणी या अनुमान न लगाए। पार्टी का मानना है कि ऐसी बयानबाजी से तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राजनीतिक लाभ मिल सकता है।
शुक्रवार को कोलकाता में हुई भाजपा की एक अहम बैठक में यह निर्देश दिया गया। बैठक में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और पार्टी सांसद व त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव शामिल हुए। दोनों को पिछले महीने क्रमशः बंगाल चुनाव अभियान का प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त किया गया था। बैठक में पश्चिम बंगाल के लिए नियुक्त केंद्रीय पर्यवेक्षक सुनील बंसल और अमित मालवीय सहित शीर्ष राज्यस्तरीय नेता भी मौजूद थे।
पार्टी की राज्य समिति के एक सदस्य ने बताया कि हाल ही में कुछ नेताओं ने दावा किया था कि एसआईआर के बाद पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची से एक करोड़ से अधिक अवैध मतदाताओं—जिनमें मुख्यतः अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए बताए गए—के नाम हटाए जाएंगे। इसी पृष्ठभूमि में केंद्रीय नेतृत्व ने यह सख्त निर्देश जारी किया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन दावों पर तुरंत प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि भाजपा नेताओं के ऐसे बयान इस बात का सबूत हैं कि चुनाव आयोग भाजपा और केंद्र सरकार के इशारों पर काम कर रहा है।
राज्य समिति के एक सदस्य के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के नेताओं को चेताया है कि वे ऐसे किसी भी बयान से बचें, जिससे तृणमूल कांग्रेस या मुख्यमंत्री को राजनीतिक फायदा मिले। इसके साथ ही नेताओं को निर्देश दिया गया है कि वे अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करें, विशेष रूप से बूथ स्तर पर नेटवर्क को दुरुस्त करें ताकि एसआईआर प्रक्रिया के दौरान प्रत्येक बूथ के लिए एजेंट नियुक्त किए जा सकें।
बैठक में केंद्रीय नेतृत्व ने बूथ स्तरीय एजेंटों की भूमिका का भी विस्तृत खाका प्रस्तुत किया और उन्हें यह सुनिश्चित करने का दायित्व सौंपा कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची पूरी तरह त्रुटिरहित तैयार की जा सके।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
