

—प्रो.मिश्र की प्रथम पुण्यतिथि पर विशेष चर्चा-सत्र, ‘कौशल स्मारिका’ सहित अन्य पुस्तकों का विमोचन
वाराणसी, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष, सामाजिक विज्ञान संकाय के पूर्व डीन एवं प्रखर चिंतक प्रो. कौशल किशोर मिश्र शुक्रवार को पहली पुण्य तिथि पर याद किए गए। सामाजिक विज्ञान संकाय एवं अनिल कुमार मिश्र ‘झुन्ना’ फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में सामाजिक विज्ञान संकाय के सभागार में आयोजित विशेष श्रद्धांजलि समारोह और विचार-सत्र में वक्ताओं ने प्रो.मिश्र के जिंदादिली और बनारसी फक्कड़पन को याद किया।
बतौर मुख्य अतिथि वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी ने कहा कि प्रो. कौशल किशोर मिश्र बनारस की आत्मा और एकात्म मानववाद के जीवंत प्रतीक थे। वे केवल राजनीति शास्त्र के आचार्य नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परम्परा और नैतिकता के संवाहक थे। ‘कौशल गुरु’ के रूप में वे हमेशा मित्रों के मित्र, सरल, विनम्र और मस्तमौला रहे। श्रद्धांजलि सभा में प्रदेश के आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि कौशल मिश्र का जीवन सरलता, सहजता और सच्ची बनारसी आत्मा का प्रतीक था। वे विद्वान होते हुए भी कभी अहंकार के स्पर्श तक से दूर रहे। उनके व्यक्तित्व में गंभीरता और सहजता का अद्भुत संतुलन था। वे जहाँ भी रहते, वहाँ आत्मीयता और मुस्कान का वातावरण बना देते थे।
अध्यक्षता करते हुए सामाजिक विज्ञान संकाय के प्रमुख प्रो. अशोक कुमार उपाध्याय ने प्रो. कौशल किशोर मिश्र को स्मरण किया । कार्यक्रम में प्रो. अरुण कुमार श्रीवास्तव, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अशोक पांडेय, भाजपा नेत्री मीना चौबे, बीएचयू कार्यपरिषद सदस्य प्रो. श्वेता प्रसाद, कार्य परिषद सदस्य प्रो. ओमप्रकाश पांडेय , निर्मला पटेल, आनंद प्रभा सिंह, डाॅ माधुरी पांडेय, प्रो. पूर्णिमा अवस्थी, प्रो. संगीता पंडित, डाॅ सुधा पांडेय, रत्नाकर त्रिपाठी, हिमांशु सिंह, प्रो हरीश्वर दीक्षित, भाजपा नेता प्रमोद पांडेय, काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष अरुण मिश्र, हिंदुस्तान समाचार पत्र के संपादक रजनीश तिवारी,जे.एन यू के प्रो अमरेश दूबे, ,पपीहा त्रिपाठी ने भी विचार प्रकट किया और प्रो. मिश्र के जीवन, उनके विचारों और अकादमिक यात्रा से जुड़े अपने संस्मरण साझा किए ।
—विशेष चर्चा-सत्र और पुस्तक विमोचन
श्रद्धांजलि सभा में प्रो. कौशल किशोर मिश्र के चिंतन की दृष्टि से भारतीय ज्ञान-परम्परा” विषय पर आधारित विशेष चर्चा-सत्र में भी वक्ताओं ने भाग लिया। इस सत्र में मुख्य वक्ता प्रो. संजीव कुमार शर्मा (पूर्व कुलपति) रहे। इस अवसर पर ‘कौशल स्मारिका’ का विमोचन किया गया, जिसमें प्रो. मिश्र के जीवन, चिंतन और कार्यों पर आधारित लेखों का संकलन प्रकाशित किया गया है। साथ ही, प्रो. कौशल किशोर मिश्र द्वारा लिखित ‘प्राचीन भारतीय राजनैतिक चिंतन का इतिहास’ को प्रो. अनूप कुमार मिश्र ने नए संपादित रूप में पुनर्प्रकाशित किया, जिसका औपचारिक लोकार्पण इस अवसर पर हुआ। इसके साथ ही प्रो. अनूप कुमार मिश्र की नवीन पुस्तक ‘संस्कृति और स्वदेशी अर्थनीति: आत्मनिर्भर भारत के भविष्य की पूंजी’ का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रो. कौशल किशोर मिश्र की लगभग एक दर्जन पुस्तकों का सामूहिक लोकार्पण कर अतिथियों ने उन्हें सच्ची “शैक्षणिक श्रद्धांजलि” अर्पित की। कार्यक्रम में स्वागत भाषण भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अशोक पांडेय एवं झुन्ना फाउंडेशन की अध्यक्ष डाॅ भारती मिश्रा ने दिया। आभार ज्ञापन भाजपा नेता और डिजिटल चाय की अड़ी के संयोजक अरविंद मिश्र ने किया।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
