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मनी लॉन्ड्रिंग और शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार चैतन्य बघेल की न्यायिक रिमांड 24 अक्टूबर तक बढ़ी

मनी लॉन्ड्रिंग और शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार चैतन्य बघेल

रायपुर, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की न्यायिक रिमांड को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) की विशेष अदालत ने 24 अक्टूबर तक बढ़ा दिया। वे तब तक जेल में ही रहेंगे। ईडी की ओर से मामले की जांच के लिए और समय की मांग की गई थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।

चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग और शराब घोटाला मामले में 18 जुलाई को भिलाई निवास स्थान से गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक चैतन्य बघेल ने 16 करोड़ 70 लाख रुपये की अवैध कमाई को अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में इन्वेस्ट किया। आरोप है कि यह पैसा नकद में ठेकेदारों को भुगतान फर्जी बैंक एंट्री और फ्लैट खरीदी के बहाने से उपयोग किया गया।

वह त्रिलोक सिंह ढिल्लो के साथ मिलकर विट्ठलपुरम नामक परियोजना में फर्जी फ्लैट खरीद की योजना बनाकर 5 करोड़ हासिल करने के आरोप में भी घिरे हैं। इन फ्लैटों को त्रिलोक सिंह ढिल्लो के कर्मचारियों के नाम पर खरीदा गया था, लेकिन असली लाभार्थी चैतन्य ही थे। जांच में यह भी पाया गया कि चैतन्य ने इस घोटाले से जुड़े 1000 करोड़ से अधिक की अवैध धनराशि को हैंडल किया और इसे अनवर ढेबर और अन्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष तक पहुंचाया गया।

गौरतलब है कि बत्तीस सौ करोड़ रुपये से अधिक के छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ईडी जांच कर रही है। इस मामले में रायपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस घोटाले में ईडी ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के तत्कालीन एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

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(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा

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