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देश और धर्म की रक्षा के लिए महर्षि दयानंद की शिक्षाओं पर चलने का आह्वान

देश और धर्म की रक्षा के लिए महर्षि दयानंद की शिक्षाओं पर चलने का आह्वान

अजमेर, 10 अक्टूबर(Udaipur Kiran News) । परोपकारिणी सभा के प्रधान ओम मुनि ने कहा कि महर्षि दयानंद के दिखाए रास्ते पर चलकर हम देश और धर्म को बचा सकते हैं।

ओम मुनि शुक्रवार को महर्षि दयानंद सरस्वती के निर्वाण की स्मृति में आयोजित तीन दिवसीय ऋषि मेले उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने वेदों के प्रचार में जुटने का संकल्प भी लेने को कहा।

परोपकारिणी सभा के मंत्री कन्हैयालाल आर्य ने बताया कि ऋषि मेले के पहले दिन कई कार्यक्रम हुए।

पहले सत्र में विश्व को आर्य (श्रेष्ठ) बनाने की योजना पर विचार किया गया। इस सत्र का संयोजन स्वामी ओमानन्द सरस्वती ने किया एवं डॉ. भीमसिंह ने अपने विचार रखे। डॉ. वेदपाल का भी उद्बोधन हुआ।

अगले सत्र में वेदों को पढ़ने की आवश्यकता पर विचार हुआ। आचार्या सूर्यादेवी ने वेद मन्त्र का उदाहरण देते हुए कहा कि मनुष्य को पशुमार्ग पर नहीं चलना चाहिये। प्रो. नरेश कुमार धीमान एवं पण्डित ज्वलन्त कुमार शास्त्री ने वेदों को आमजन तक पहुँचाने के उपाय बताये।

इस सत्र का संयोजन डॉ. वेदप्रकाश विद्यार्थी ने किया। सत्र की अध्यक्षता ठाकुर विक्रमसिंह ने की।

रात्रिकाल के सत्र में परमात्मा और आत्मा को विज्ञान के आधार पर सिद्ध किया गया। ईश्वर को विज्ञान से कैसे सिद्ध किया जा सकता है इसे स्वामी विदेहयोगी एवं आचार्या सुमेधा ने अपने उपदेश में समझाया।

सत्र का संयोजन आचार्य अंकित प्रभाकर एवं अध्यक्षता आचार्य कमलेश शास्त्री ने की।

वानप्रस्थ की दीक्षा –

महर्षि दयानन्द के निर्वाण की स्मृति में आयोजित ऋषि मेले में शुक्रवार को सपत्नीक वासुदेव आर्य ने वानप्रस्थ दीक्षा ली। मूलरूप से अजमेर जिले के राजगढ़ गाँव निवासी वासुदेव आर्य एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कुमुदिनी आर्य, पिछले कुछ वर्षों से अजमेेर शहर की दयानन्द कॉलोनी में रहते हैं। आर्य एवं उनकी पत्नी श्रीमती कुमुदिनी आर्य दोनों सेवानिवृत्त सरकारी शिक्षक हैं।

आर्य का कहना है कि वे अपने सभी पारिवारिक दायित्व पूरे कर चुके हैं। वे अब अपना पूरा जीवन समाजसेवा एवं साधना में लगाएंगे। विशेष बात यह है कि घर में जब उन्होंने स्वयं वानप्रस्थ दीक्षा लेने की बात पत्नी को बताई तो उन्होंने कहा कि वे भी साथ ही वानप्रस्थ दीक्षा लेंगी। समाज में जिसने भी सुना, उसने आर्यदम्पत्ति के फैसले की सराहना की।

डॉ. मृत्युंजय शर्मा को विश्वकीर्ति आर्य युवा कार्यकर्ता पुरस्कार

आर्य समाज के प्रचार प्रचार में उल्लेखनीय कार्य के लिए डॉक्टर मृत्युंजय शर्मा को विश्वकीर्ति आर्य युवा कार्यकर्ता पुरस्कार दिया गया।

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(Udaipur Kiran) / संतोष

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