
जबलपुर, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । महालेखाकार के ऑडिट में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में गबन की बात सामने आई है। और यह गबन किसी और ने नहीं बल्कि कार्यक्रम के जिला प्रबंधक सुभाष शुक्ला ने किया है। सुभाष शुक्ला पर करीब 9 लाख रुपयो के गबन का आरोप है। यह रुपया जबलपुर में मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना में जन्मजात बहरे दिव्यांग बच्चों में सुनने की क्षमता विकसित करने के लिए उनकी कॉकलियर इंप्लांट ऑप्रेशन के बाद की जाने वाली थेरेपी करवाए बिना ही संस्था को भुगतान किया गया था।
शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष शैलेंद्र बारी ने अदालत में एक याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने डीआईएम् के इस फर्जीवाड़े का उल्लेख किया था। शासकीय अधिवक्ता ने न्यायालय में सुनवाई के दौरान दलील दी थी कि सक्षम प्राधिकारी ने पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है और की गई कार्यवाही का खुलासा करते हुए हलफनामा दाखिल करने के लिए समय दिया जाये। इसके उपरांत मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ सलोनी सिडाना ने मामले की जांच पहले संभाग स्तरीय जांच दल से एवं बाद में राज्य स्तरीय दल से करवाई। इन दोनों जांचों में सुभाष शुक्ला दोषी सिद्ध हुए।
मनोज कुमार सरियाम आईएएस अपर मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल ने 24 सितंबर को सुभाष शुक्ला को दोषी मानते हुये 8.96 लाख रुपये रिकवरी की कार्यवाही के आदेश जारी किये गये। 21 दिन की समयसीमा में रुपए सरकारी खाते में जमा नहीं करने पर एफआईआर दर्ज कर सेवा से बर्खास्तगी की कार्यवाही की जाएगी। इसके अतिरिक्त सख्त कार्यवाही करते हुए मिशन संचालक द्वारा हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल करने की सूचना हेतु शुक्ला को पत्र भी जारी कर दिया।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक
