कोलकाता, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) ।
राज्य की राजनीति में एक बार फिर से सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच टकराव तेज हो गया है। गुरुवार को राज्य सचिवालय नबान्न से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया था कि राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल विभिन्न भ्रष्टाचार मामलों में शामिल हैं और उनके खिलाफ कई सबूत मौजूद हैं। इसके ठीक एक दिन बाद, शुक्रवार को राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कोलकाता में सीईओ कार्यालय के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को खुली चुनौती दी। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री के पास सीईओ के खिलाफ कोई ठोस सबूत है तो उसे सोमवार तक सार्वजनिक करें।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “अगर सोमवार तक मनोज अग्रवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत सार्वजनिक नहीं किए गए, तो मैं मुख्यमंत्री कार्यालय सहित राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारियों के भ्रष्टाचार की पूरी जानकारी सामने लाऊंगा।” उन्होंने पूर्व और वर्तमान कई शीर्ष नौकरशाहों के नाम लेकर कहा कि पूर्व मुख्य सचिव हरीकृष्ण द्विवेदी, बी.पी. गोपालिका, राजेश सिन्हा, मुख्यमंत्री के निजी सहयोगी गौतम सन्याल, आईएएस मनीष जैन और दुशमंत नारियाला के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, जिन्हें उजागर किया जाएगा।
शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि “हरीकृष्ण द्विवेदी को 16 लाख रुपये के हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में धोखाधड़ी करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था। इसके अलावा मेट्रो डेयरी घोटाले में भी कई अफसरों की भूमिका संदिग्ध है, जिनके नाम जल्द ही उजागर किए जाएंगे।”
उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने जिस तरह यह आरोप लगाया कि सीईओ ने राज्य के अधिकारियों को धमकाया है, उन्हें यह बताना चाहिए कि किन अधिकारियों को धमकी दी गई और किसने यह शिकायत की। शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “अगर सोमवार तक इन अधिकारियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए, तो इसका मतलब होगा कि मुख्यमंत्री डर गई हैं।”
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी चेतावनी दी कि अगर मुख्यमंत्री सीईओ के खिलाफ अपने आरोपों को साबित नहीं करतीं, तो वह सीईओ कार्यालय के बाहर धरना देंगे। साथ ही उन्होंने मांग की कि सीईओ को धमकी देने के लिए मुख्यमंत्री के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
