
वाराणसी, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । प्रदेश के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान’ के अंतर्गत चल रहे स्वदेशी अभियान को सरकार पूरी ताकत के साथ आगे बढ़ा रही है। उन्होंने आम जनता से ‘वोकल फॉर लोकल, लोकल फॉर वोकल’ की भावना को अपनाने की अपील की और कहा कि भारत खुद में ही एक विशाल बाजार है, जिसे स्वदेशी अपनाकर और भी सशक्त किया जा सकता है।
सर्किट हाउस में मंत्री जायसवाल ने ‘हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी’ के नारे को दोहराते हुए सरकार की योजनाओं का व्यापक विवरण दिया। उन्होंने एमएसएमई, बड़े उद्योग, नई शिक्षा नीति, पीएम स्वनिधि योजना, पीएम गतिशक्ति योजना समेत तमाम योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि ये सभी योजनाएं आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में मील का पत्थर हैं।
एमएसएमई को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम
मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 25 फीसदी तक की खरीदारी एमएसएमई इकाइयों से करने की पहल शुरू की है। इससे देश की सूक्ष्म, लघु और मध्यम इकाइयों को सीधे लाभ मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। वर्तमान में देश में 6 करोड़ से अधिक एमएसएमई इकाइयां हैं, जो जीडीपी में 29 फीसदी और निर्यात में 50 फीसदी से अधिक का योगदान देती हैं।
त्योहारी सीजन में मिला स्वदेशी को बढ़ावा
मंत्री जायसवाल ने कहा कि भारत त्यौहारों का देश है, और इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 22 सितंबर को जीएसटी दरों में कटौती की ताकि त्योहारी मांग को प्रोत्साहन मिल सके और घरेलू इकाइयों को गति मिले। विशेष रूप से कुम्हारों को मुफ्त में मिट्टी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके।
आत्मनिर्भर भारत: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से वर्तमान तक
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत कोई नया विचार नहीं है, बल्कि इसकी जड़ें भारत के स्वदेशी आंदोलन में हैं। महात्मा गांधी और रवींद्रनाथ टैगोर जैसे विचारकों ने आत्मनिर्भरता को न केवल राष्ट्र, बल्कि व्यक्ति के स्तर पर भी परिभाषित किया था। 1951 से शुरू हुई पंचवर्षीय योजनाओं में भी आत्मनिर्भरता को प्रमुख लक्ष्य के रूप में अपनाया गया। हालांकि, 1991 की आर्थिक उदारीकरण की लहर के बाद यह दृष्टिकोण लचीला हुआ, लेकिन 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत का नारा फिर से नई ऊर्जा के साथ सामने आया।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में स्वदेशी को मिला नया आयाम
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ‘मेक इन इंडिया’, ‘ऐप इनोवेशन चैलेंज’, ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ जैसे अभियानों के माध्यम से स्वदेशी उत्पादों और स्टार्टअप को बढ़ावा दिया गया है। उदाहरण के तौर पर, भारत अब पीपीई किट का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन चुका है, जो आत्मनिर्भर भारत की सफलता की मिसाल है।
रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता भारत
सरकार ने 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक लगाई है और ‘मेक इन इंडिया’ के तहत उन्हें देश में ही विकसित करने पर ज़ोर दिया जा रहा है। इसके अलावा, बिजली क्षेत्र में भी ट्रांसफॉर्मर, इन्सुलेटर, ट्रांसमिशन टॉवर जैसी मूलभूत सामग्री का निर्माण देश में ही किया जा रहा है। कोरोना महामारी से प्रभावित रेहड़ी-पटरी वालों के लिए शुरू की गई पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत ₹10,000 तक का ऋण मुहैया कराया जा रहा है, जिससे वे दोबारा अपने व्यवसाय शुरू कर सकें।
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
