
डिब्रूगढ़ (असम), 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । प्रदेश की आगामी जनगणना में बांग्लादेश से घुसपैठ करने वाले मुसलमानाें की जनसंख्या लगभग 38 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। इससे राज्य में यह सबसे बड़ा समुदाय बनने का अनुमान है। यह बातें असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार को डिब्रूगढ़ में एक जनसभा में कहा।
डॉ. सरमा ने दावा किया कि इस बार, जब जनगणना होगी और परिणाम सामने आएंगे, तो पता चलेगा कि मुसलमानाें का प्रतिशत बढ़कर 38 प्रतिशत हो गया है। अगर कोई सांख्यिकी विभाग कोई अनुमान लगाए, तो यह स्पष्ट रूप से दिखाएगा कि वे असम में सबसे बड़ा समुदाय बनने के लिए तैयार हैं – और यह सच है।
उन्होंने जाेर देकर कहा कि असम की मूल आबादी केवल तभी सुरक्षित रहेगी जब इन पर दबाव बनाए रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को मूल असमिया लोगों के हितों की रक्षा के लिए विधानसभा में एक नया कानून लाया जाएगा।
अपनी सरकार द्वारा जारी भूमि और बेदखली अभियानों को दोहराते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्वालपाड़ा और बेहाली में बेदखली के नोटिस पहले ही जारी किए जा चुके हैं। हम कोई काम नहीं रोक रहे हैं। अवैध अतिक्रमणों पर दबाव जारी रहेगा।
डॉ. सरमा की टिप्पणी पर राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया हुई है, आलोचकों ने इसे ध्रुवीकरणकारी बताया है, जबकि उनके समर्थकों ने इस बयान की सराहना असम की जनसांख्यिकीय और सांस्कृतिक अखंडता की रक्षा के लिए एक दृढ़ रुख के रूप में की है।——————
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
