
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उच्चतम न्यायालय
ने मध्यप्रदेश और राजस्थान में जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत की जांच की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान शुक्रवार काे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता अखबार पढ़ते हैं और कोर्ट में आ जाते हैं। शुरुआत में अदालत इस मामले पर नोटिस जारी करने जा रही थी लेकिन मेहता ने कहा कि वो किसी राज्य सरकार की ओर से पेश नहीं हो रहे हैं लेकिन जिस तरीके से तमिलनाडु और मध्यप्रदेश की राज्य सरकारों ने काम किया है, उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा राज्यों में इससे निपटने के लिए प्रभावी कानून और तंत्र मौजूद हैं। उसके बाद कोर्ट ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया।
वकील विशाल तिवारी ने याचिका दायर कर मांग की थी कि बच्चों की मौत के मामलों की कोर्ट की निगरानी में जांच का आदेश दिया जाए। याचिका में मांग की गई थी कि इस मामले में दर्ज एफआईआर और जांच सीबीआई को सौंपा जाए। याचिका में कहा गया था कि केंद्र सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर एक न्यायिक आयोग या विशेषज्ञों का टास्क फोर्स गठित करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए।
तमिलनाडु में निर्मित कोल्ड्रिफ कफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) नामक रसायन मानक से अधिक मात्रा में मिलाए जाने की वजह से मध्यप्रदेश और राजस्थान के 16 बच्चों की मौत हो चुकी है, जिसके बाद उच्चतम न्यायालय
में याचिका दायर की गई थी।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
