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चार साल की पीडिता के बयान पर अभियुक्त को सजा

19 अवैध भवनों को सील करने वाले आदेश पर लगाई रोक

जयपुर, 9 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम 1 महानगर प्रथम ने चार साल की पीडिता के बयान के आधार पर पॉक्सो प्रकरण के अपराधी रोहित मलाह को बीस साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने 22 वर्षीय इस अभियुक्त पर बीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पीठासीन अधिकारी मीना अवस्थी ने अपने आदेश में कहा कि प्रकरण में पीड़ित बालिका की साक्ष्य पूर्णत: विश्वास करने योग्य है। पीडिता न केवल अपने बयानों पर कायम रही, बल्कि प्रति परीक्षा में भी उसके बयानों में विरोधाभास नहीं रहा। प्रकरण में साढ़े तीन साल की पीडिता ने ऐसी पीड़ा को झेला, जिसका वर्णन करना भी मुश्किल है। ऐसे में अभियुक्त के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता।

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुरेन्द्र सिंह राजावत ने बताया कि घटना को लेकर पीडिता की बुआ ने 24 मई, 2024 को जवाहर नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि तीन दिन पहले रात के समय वह अपने पति के साथ नीचे वाले कमरे में सो रही थी और पीडिता व उसकी बेटी छत पर सो रही थी। छत पर बने पोर्शन में अभियुक्त अपने परिवार के साथ किराए पर रहता था। रात करीब साढ़े ग्यारह बजे पीड़िता के रोने की आवाज आई। जब पीड़िता को संभाला को उसने पेट दर्द होने की बात कही। अगले दिन भी पीडिता ने अपनी दादी को दर्द की शिकायत कर डॉक्टर को दिखाने की बात कही, लेकिन उसकी मां ने ध्यान नहीं दिया। बीती रात करीब एक बजे बच्ची ने रोते हुए फिर से दर्द होने की शिकायत की। इस पर ध्यान से देखा तो उसके प्राइवेट पार्ट पर सूजन आ रखी थी। पूछने पर पीडिता ने बताया कि अभियुक्त ने वहां अपनी अंगुली डाली थी। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया। सुनवाई के दौरान पीडिता ने अदालत के सामने घटना को दोहराया। वहीं बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि उसका परिवार पीड़िता की बुआ के घर रहता है और वह मकान खाली कराने के लिए उसे झूठा फंसा रही है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा और जुर्माने से दंडित किया है।

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(Udaipur Kiran)

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