
देहरादून, 9 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) देहरादून के निदेशक सौरभ तिवारी ने कहा कि एआई की भूमिका मनुष्य की सहायता करने की है। एआई का मूल सिद्धांत सीखना, सोचना और निर्णय लेकर परिणाम देना है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में मानकीकरण के प्रयास पर गुरुवार को ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यशाला किया गया। इस मौकै पर उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में मानकीकरण के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि एआई इंसानों की जगह नहीं लेगा, बल्कि विकास की नई राहें खोलेगा। छात्र-छात्राओं से नए विचारों को अपनाने की अपेक्षा जताई।
इस मौके पर ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. नरपिंदर सिंह ने छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि वह आईओएस सेंटर का भरपूर उपयोग करें। यह सेंटर एनवीआईडीआईए-जीपीयू तकनीक से सुसज्जित है और प्रारंभिक स्तर पर छात्र-छात्राओं को एक मजबूत एआई वातावरण देने की दिशा में कार्य कर रहा है। इस अवसर पर डीडीजी स्टैंडर्डाइजेशन बीआईएस डॉ. रीना गर्ग ने कहा बीआईएस छात्र-छात्राओं को मानकों और यूनिवर्सिटी से संबंधित पहलुओं को समझने में मदद करता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानकीकरण संगति, सटीकता और स्पष्ट संचार सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाता है।
कार्यक्रम का आयोजन बीआईएस सीएसई स्टूडेंट चैप्टर और कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में आईओएस सेंटर के हेड डॉ.सचिन घई, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के हेड डॉ. देवेश प्रताप सिंह समेत शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं शामिल रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
