

नई दिल्ली, 09 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) से स्पेक्ट्रम की कीमतें तय होने के बाद देश में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू होंगी। इसके पहले कंपनियों को भी अपनी योजना को अंतिम रूप दिया जाना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दो कंपनियों को उपग्रह संचार सेवाओं के लिए लाइसेंस दिए गए हैं, जबकि एक अन्य को आशय पत्र (एलओआई) जारी किया गया है।
नई दिल्ली स्थित यशोभूमि में इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी 2025) में पत्रकारों के साथ बातचीत में केंद्रीय संचार मंत्री ने कहा कि यह कंपनियों पर निर्भर करता है कि वे कितनी जल्दी अपनी क्रियान्वयन रणनीति लागू कर पाती हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि एक मुद्दा यह है कि ट्राई को अभी स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण को अंतिम रूप देना है। यह लंबित हिस्सा है और नियामक इसे पूरा करेगा। वोडाफोन आइडिया को राहत दिए जाने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कर्ज में डूबी इस कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी बढ़ाने की किसी भी योजना से इनकार किया।
इससे पहले दूरसंचार मंत्री ने भारत मोबाइल कांग्रेस 2025 के दूसरे दिन की शुरुआत भारत के दूरसंचार दृष्टिकोण को रेखांकित करने के लिए हितधारकों के साथ नेतृत्व संवाद के साथ किया। उन्होंने आईएमसी-2025 के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और भारत के यूनिकॉर्न मिलकर भविष्य का निर्माण कर रहे हैं। इससे 1.8 लाख स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने से लेकर नवाचार, समावेशन और वैश्विक नेतृत्व को बढ़ावा देने वाले दूरसंचार और डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण हुआ है, जबकि दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के साथ नए भारत के उद्यमों का पोषण हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि भारत में सैटकॉम सेवा शुरू होने को लेकर लोगों में उत्सुकता बढ़ रही है। अमेरिकी अरबपति एलन मस्क के स्वामित्व वाली स्टारलिंक, भारती समर्थित यूटेलसैट वनवेब और रिलायंस जियो-एसईएस जैसी प्रमुख कंपनियां भारतीय आकाश से प्रसारित होने वाले ब्रॉडबैंड के इस महत्वपूर्ण खेल पर गहरी नजर रख रही हैं। सरकार ने यूटेलसैट वनवेब और जियो-एसईएस को अनुमति प्रदान कर दी है, जबकि स्टारलिंक को आशय पत्र (एलओआई) जारी कर दिया है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
