कायम की समानता, सादगी व संस्कारों की मिसाल
नारनौल, 9 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । नारनौल के लोजुता गांव में गुरुवार को एक बड़ा काज समारोह होना था। जिसके लिए मिठाई भी बनाई जा चुकी थी, लेकिन समाज के निर्णय के आगे सब थम गया। बनी हुई मिठाई अब गौशालाओं और बंदरों को भेंट की जाएगी। लोगों का कहना है कि यह कदम न केवल सादगी का प्रतीक है बल्कि सामाजिक जागरूकता का नया अध्याय भी है।
जिले के गुर्जर समाज ने बाहुल्य गांव लोजुता, मूसनोता, नांगल दरगू, इस्लामपुरा, पांचनौता और नवादा गांवों में ऐसी मिसाल कायम की है, जो सिर्फ हरियाणा नहीं बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा बन सकती है। यहां पर गुर्जर समाज की सुधार महापंचायत ने इन कार्यक्रमों को बंद करवाया है। गौरतलब है कि राजस्थान के कोटपूतली के गांव पनियाला में हुई गुर्जर समाज की महापंचायत ने समाज में फैली दहेज प्रथा और मृत्यु भोज जैसी बुराइयों को समाज से समाप्त करने का निर्णय लिया था। जिसके चलते सभा के जिला प्रधान कुलदीप भरगड़ और समाज के अन्य लोगों द्वारा जिले में इनको बंद करवाने का फैसला लिया। जिसके बाद जिले में अब तक पांच कार्यक्रमों को रद्द करवा दिया गया है।
महापंचायत में 11 ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें विवाह और मृत्यु संस्कारों में अनावश्यक खर्च पर रोक, 101 रुपये का प्रतीकात्मक शगुन, पुत्र जन्म पर भोज न करने, डीजे और शराब पर पूर्ण प्रतिबंध जैसे नियम शामिल हैं। लोगों का कहना है कि गुर्जर समाज ने पहल कर दी है, अब अन्य समाज की बारी है।
—————
(Udaipur Kiran) / श्याम सुंदर शुक्ला
