
सिरसा, 9 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । भारतीय किसान एकता के प्रधान लखविंद्र सिंह ने कहा कि बेमौसमी बरसात, आंधी तूफान व ओलावृष्टि ने फसलों को बर्बाद कर दिया है। किसान नेता लखविंद्र सिंह गुरुवार को सिरसा जिले के कस्बा चोपटा क्षेत्र के गांव जमाल में किसानों के साथ फसलों का निरीक्षण करने पहुंचे तो देखा कि नरमे, कपास सहित ग्वार, बाजरा, मूंगफली व धान सभी प्रकार की फसलें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है। बरसात, तूफान व ओलावृष्टि से नरमा व कपास की फसल धरती पर बिछ गई है, वह दोबारा से उगने लगी है, उसे इक्कठा करना नामुमकिन है।
किसान नेता ने कहा कि सरकार ने क्षतिपूर्ति पोर्टल पर खराब हुई फसलों का पंजीकरण करवाने को कहा है। क्षतिपूर्ति का मतलब नुकसान की भरपाई है, लेकिन किसानों के 50 से 60 हजार रुपए प्रति एकड़ नुकसान की एवज में मात्र 15 हजार प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जायेगा, उसमें भी मात्र 5 एकड़ तक की लिमिट लगा दी गई है, जो किसानों के साथ एक भद्दा मजाक है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि बिना किसी लिमिट के किसानों के नुकसान के संपूर्ण भरपाई की जाए। ताकि अगली फसल की बिजाई के लिए कर्ज में डूबे हुए किसानों को और कर्ज न उठाना पड़े।
किसान नेता ने कहा कि पिछले कई सालों से घटिया क्वालिटी के बीज, पेस्टीसाइड, फर्टिलाइजर व बायोफर्टिलाइजर के कारण नरमा, कपास, धान, ग्वार, बाजरा, मूंगफली इत्यादि की फसलों पर बीमारी का काफी अटैक देखने को मिला, जिसे देखते हुए इस वर्ष कई किसानों ने नरमा और कपास की बिजाई कम करके अन्य फसलों की और रुख किया था। पिछले 4-5 सालों के मुकाबले इस वर्ष नरमा और कपास की बिजाई कम हुई थी। इस मौके पर मुंशी राम कसवांए विनोद कुमार, रोहताश कुमार, राकेश कुमार, राय सिंह, राजेंद्र कुमार, सुनील कुमार, अशोक कुमार, धर्मपाल, राजेंद्र कुमार, प्रकाश कसवां, मांगेराम, देवीलाल खिचड़ आदि किसान मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
