
जयपुर, 9 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राजधानी जयपुर की विश्व प्रसिद्ध सजावट से जहां बाजार जगमग होंगे, वहीं स्वदेशी उत्पाद अपनाने का आह्वान करेंगे। इस बार शहर के डेढ सौ से ज्यादा बाजारों को ‘स्वदेशी थीम’ पर सजाया जाएगा। विदेशी सामग्री की बजाय भारत में बने दीपक, बल्ब, सजावटी आइटम से सजे बाजारों में स्थानीय व्यापारी वोकल फॉर लोकल का संदेश देंगे।
स्वदेशी अपनाने का संदेश देते हुए फ्लेक्स,बैनर, पोस्टर आदि लगाए जाएंगे
जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने बताया कि जयपुर की दीपावली विश्व प्रसिद्ध है। यहां होने वाली रोशनी को निहारने देश—विदेश से भी पर्यटक यहां पहुंचते हैं। हर बाजार को अलग-अलग तरीके से सजाया जाता है। लेकिन इस बार जयपुर को स्वदेशी थीम पर सजाने का फैसला लिया गया है। यहां स्वदेशी अपनाने का संदेश देते हुए फ्लेक्स,बैनर, पोस्टर आदि लगाए जाएंगे। इसके साथ ही लाइट डेकोरेशन भी स्वदेशी थीम पर होगा।
गोयल ने बताया कि यहां डेढ़ लाख से ज्यादा व्यापारी मिलकर स्वदेशी अपनाने का पैगाम देंगे। बीते दिनों रक्षाबंधन पर भी सिर्फ स्वदेशी राखियां बनाई गई और उसी की बिक्री की गई। इसी तर्ज पर इस बार दीपावली पर भी बाजार स्वदेशी सामग्रियों का इस्तेमाल करने का ही संदेश देंगे।
व्यापारी विदेशी सामग्री का बहिष्कार कर भारत में बने सजावटी आइटम का करेंगे उपयोग
जयपुर व्यापार महासंघ के महामंत्री सुरेश सैनी ने बताया कि भारत में बने दीपक, जिन्हें कुम्हार और गौशालाओं में तैयार किया गया है। लगभग सवा लाख दुकानदारों तक पहुंचेंगे। इससे न केवल व्यापारियों को बल्कि निम्न आय वर्ग के लोगों को भी रोजगार मिलेगा। इससे प्रधानमंत्री की ‘सबका साथ सबका विकास’ की सोच साकार होगी। इसके साथ ही एमआई रोड बाजार गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक है। इस दीपावली पर हिन्दू और मुस्लिम व्यापारी एक साथ मिलकर दीपोत्सव मनाएंगे। इस दीपावली शहर सिर्फ भारतीय उत्पादों से रोशन होगा। जयपुर के डेढ सौ बाजारों के डेढ़ लाख से ज्यादा व्यापारी विदेशी सामग्री का बहिष्कार करते हुए सजावट के लिए भारत में बने दीपक, बल्ब और सजावटी आइटम का उपयोग करेंगे।
जयपुर से वोकल फॉर लोकल का नारा किया जाएगा बुलंद
जयंती बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष सचिन गुप्ता ने बताया कि दिल्ली, चेन्नई और बेंगलुरु से राइजिंग लाइट्स मंगवाई जाएंगी। जबकि ट्यूबलाइट बल्ब और कुछ अन्य आइटम जयपुर में ही तैयार हो रहे हैं। इसके साथ ही कपड़े-कागज की बॉल और अन्य डेकोरेटिव आइटम दिल्ली से मंगवाया जा रहा है। इसके जरिए जयपुर से वोकल फॉर लोकल का नारा बुलंद किया जाएगा।
इस बार दीपावली पर बाजारों में विदेशी लाइट का नहीं होगा इस्तेमाल
किशनपोल व्यापार मंडल के अध्यक्ष मनीष खूंटेटा ने बताया कि इस बार बाजारों में विदेशी लाइट का इस्तेमाल नहीं होगा। इसके साथ ही लोगों को जागरूक किया जाएगा कि स्वदेशी उत्पाद विदेशी सामग्रियों से बेहतर है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह खुद एक ज्वेलरी व्यवसायी हैं। उनकी ज्वेलरी पूरी तरह भारत के बाजारों में ही तैयार हो रही है। सोना और चांदी जरूर बाहर से इंपोर्ट होता है,लेकिन मैन्युफैक्चरिंग भारत में ही होती है। जयपुर के अलावा कोलकाता, मुंबई, सूरत इसके हब हैं। यहां के लोग भारतीय ज्वेलरी ही ज्यादा पसंद करते हैं। जब लोग स्वदेशी अपनाएंगे तो उससे भारत देश भी उन्नति करेगा। बहरहाल जयपुर की इस स्वदेशी दीपावली से न केवल शहर जगमगाएगा,बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी अपनाने के आह्वान को भी बल मिलेगा। साथ ही ये पहल भारत के व्यापार और रोजगार के क्षेत्र में स्थानीय हुनर को उजागर करने का एक अवसर भी बनेगी।
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(Udaipur Kiran)
