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छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोपित चैतन्यानंद के मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने एक निजी कॉलेज की छात्राओं के साथ अश्लील हरकत करने के आरोपित चैतन्यानंद सरस्वती को जेल में सन्यासी का वस्त्र धारण करने और धार्मिक पुस्तकें उपलब्ध कराने की मांग पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। जुडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास अनिमेष कुमार ने जांच अधिकारी को विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी।

आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जांच अधिकारी के जवाब पर गौर करते हुए कहा कि उसमें कपड़ों और पुस्तकें उपलब्ध कराने को लेकर दिल्ली जेल मैन्युअल का कोई जिक्र नहीं किया गया है। कोर्ट ने जांच अधिकारी को इस मसले पर विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

चैतन्यानंद सरस्वती ने एक दूसरी अर्जी दाखिल कर जब्ती मेमो की प्रति उपलब्ध कराने की मांग की है। कोर्ट ने इस अर्जी पर भी दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर किया है। जब्ती मेमो की प्रति उपलब्ध कराने की मांग पर कोर्ट 10 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।

कोर्ट ने 3 अक्टूबर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था। चैतन्यानंद सरस्वती को आगरा के गिरफ्तार किया गया था। चैतन्यानंद सरस्वती पर आरोप है कि वो आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग की छात्राओं के साथ अश्लील हरकत की थी। कॉलेज के सीसीटीवी कैमरों का एक्सेस चैतन्यानंद सरस्वती के पास था ताकि वो छात्राओं पर नजर रख सके। उसने सुरक्षा के नाम पर सीसीटीवी कैमरे जानबूझकर वाशरुम के पास इंस्टाल करवाया था।

सरस्वती पर छात्राओं से अश्लील हरकत करने के अलावा वित्तीय फर्जीवाड़ा करने का भी आरोप है। आरोप है कि सरस्वती ने संबंधित संस्थान की संपत्तियों को निजी कंपनियों पर किराये पर दे रखा था। वो संस्थान की संपत्तियों से महंगी गाड़ियां खरीदता था। उसके कब्जे से पुलिस ने एक बीएमडब्ल्यू कार जब्त की थी। वो महंगी गाड़ियों में लड़कियों को लेकर जाता था और उनके साथ अश्लील हरकत करता था।

पटियाला हाउस कोर्ट ने 26 सितंबर को ट्रस्ट में संपत्ति ट्रांसफर करने के मामले में दर्ज एफआईआर के मामले में चैतन्यानंद सरस्वती की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और पुलिस को आरोपित की हिरासत में पूछताछ की जरुरत है ताकि फर्जीवाड़ा और साजिश का खुलासा हो सके। कोर्ट ने जांच अधिकारी की इस बात पर गौर किया कि चैतन्यानंद सरस्वती अपने दिए पर उपलब्ध नहीं थे और उनका मोबाइल फोन भी बंद था।

वित्तीय फर्जीवाड़े के मामले में चैतन्यानंद सरस्वती पर आरोप है कि पावर ऑफ अटॉर्नी हासिल करने के बाद उन्होंने श्रीशारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट रिसर्च फाउंडेशन नामक फर्जी ट्रस्ट बनाया। इस ट्रस्ट में आरोपित ने श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट रिसर्च की संपत्ति को ट्रस्ट को हस्तांतरित कर दिया। चैतन्यानंद स्वामी पर आरोप है कि उसने वसंत कुंज थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद यस बैंक के खाते से ट्रस्ट के नाम पर करीब 50-55 लाख रुपये की निकासी की। चैतन्यानंद स्वामी पर आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेजों के जरिये विभिन्न नामों पर दो पासपोर्ट बनवाए और अलग-अलग नामों से कुछ बैंकों में खाते हैं।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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