
जयपुर, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । साइबर थाना पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर एक 75 वर्षीय बुजुर्ग से 23.56 लाख रुपये की बड़ी ठगी करने वाले संगठित गिरोह के एक और सक्रिय सदस्य को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई जयपुर में फर्जी पुलिस और सीबीआई अधिकारी बनकर की गई ठगी के मामले में की गई है।
डीआईजी साइबर क्राइम विकास शर्मा ने बताया कि 27 मई को जयपुर निवासी परिवादी ने साइबर थाना राजस्थान में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि जालसाजों ने उन्हें मोबाइल फोन पर फर्जी पुलिस और सीबीआई अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी दी और उनसे 23 लाख 56 हजार रुपये की साइबर ठगी की गई। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और पूर्व में सुरेश कुमार, प्रहलाद कुमावत, ओमप्रकाश, भूपेश, वशुल सन्नी कुमार और रेहान मकन्दर को गिरफ्तार किया था।
अनुसंधान के दौरान पुलिस ने ठगी की गई राशि के लाभार्थियों पर ध्यान केंद्रित किया। इस दौरान प्रथम लाभान्वित खाताधारक सुरेश उर्फ सुरेंद्र के खाते में प्राप्त कुल 23 लाख 56 हजार रुपये की राशि की जांच की गई। जांच में एक बाल अपचारी को निरुद्ध किया गया, जिसके खाते में इस ठगी की 89 लाख 335 की राशि प्राप्त हुई थी। इस बाल अपचारी के खाते में अन्य पीड़ितों की ठगी के 9 लाख 58 हजार 350 भी आना पाया गया। बाल अपचारी से पूछताछ में सामने आया कि उसने अपना बैंक खाता, एटीएम और मोबाइल सिम साइबर ठगी के गिरोह के सदस्य कमलेश कुमार सेरावत पुत्र नारायण लाल (22) निवासी मुन्या वाली ढाणी, भोपावास, सामोद, जयपुर को 4 हजार के कमीशन पर दिया था।
इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए साइबर पुलिस ने गिरोह के सदस्य कमलेश कुमार सेरावत को गिरफ्तार कर लिया। डीआईजी शर्मा और एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार के सुपरविजन में मुल्जिम कमलेश कुमार सेरावत से पूछताछ जारी है। आरोपी कमलेश कुमार सेरावत के स्वयं के बैंक खाते में तीन अन्य राज्यों से ठगी की शिकायतें आई हैं, जिससे यह गिरोह के अंतर्राज्यीय लिंक की ओर इशारा करता है। मामले में अग्रिम अनुसंधान जारी है। साइबर पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि फर्जी पुलिस,सीबीआई अधिकारियों के फोन आने पर घबराएं नहीं और किसी भी स्थिति में अपनी बैंक जानकारी या ओटीपी किसी को साझा न करें। ऐसे किसी भी कॉल की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
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(Udaipur Kiran)
