-41 सड़कों से लेकर 1,729 किलोमीटर तक हर गांव तक पहुंची पक्की डगर
कोरबा, 08 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) ।छत्तीसगढ़ राज्य अपने स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण कर रजत महोत्सव के ऐतिहासिक अवसर पर विकास की सुनहरी कहानी लिख रहा है। बीते ढाई दशकों में राज्य ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, उद्योग, ऊर्जा और ग्रामीण आधारभूत संरचना के क्षेत्र में अद्वितीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख क्षेत्र है सड़क संपर्क और परिवहन सुविधा का विस्तार, जिसने गांवों को शहरों से, किसानों को बाजारों से और नागरिकों को अवसरों से जोड़ा है। कोरबा जिला, जो राज्य की औद्योगिक राजधानी के रूप में जाना जाता है। आज सड़क विकास के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। यहाँ की पहाड़ी और वनांचल भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद, राज्य शासन ने मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ योजना और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत दूरस्थ ग्रामों तक पक्की सड़कों का जाल बिछाया है। रजत महोत्सव के अवसर पर जब राज्य के 25 वर्षों की यात्रा पर नजर डाली जाती है, तो कोरबा जिले का यह सड़क विकास अभियान गांव-गांव तक पहुँची प्रगति का प्रतीक बनकर उभरता है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना : गांवों तक पहुंची पक्की राह
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना का उद्देश्य राज्य के उन ग्रामीण अंचलों तक सुगम आवागमन उपलब्ध कराना है जहाँ अब तक पक्की सड़कें नहीं पहुँची थीं। कोरबा जिले में इस योजना के तहत वर्ष 2025 तक कुल 41 सड़कों का निर्माण किया गया है। इन सड़कों की कुल लंबाई 108.67 किलोमीटर है। इन सड़कों ने न केवल ग्रामीणों को अपने निकटतम बाजार, अस्पताल और शैक्षणिक संस्थानों से जोड़ा है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों में भी नई गति दी है। पहले जहाँ ग्रामीणों को बारिश के मौसम में आवाजाही में कठिनाई होती थी, वहीं अब पक्की सड़कों के निर्माण से आवागमन सुगम हुआ है। इन मार्गों से किसानों को अपने कृषि उत्पादों को बाजार तक पहुँचाने में आसानी हुई है। छात्र-छात्राओं को स्कूल और कॉलेज तक निर्बाध पहुँच मिली है, वहीं बीमार व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँचने में सुविधा बढ़ी है।
मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ योजना : गांवों की पहचान बनी गौरव पथ
मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ योजना का लक्ष्य गांवों के भीतर प्रमुख मार्गों का सौंदर्यीकरण और पक्की सड़कों से ग्राम के गौरव को सुदृढ़ करना है। इस योजना ने ग्रामीण संरचना को एक नई पहचान दी है। कोरबा जिले में इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2025 तक कुल 136 गौरव पथों का निर्माण संपन्न हुआ है। इन गौरव पथों की कुल लंबाई 50.10 किलोमीटर है। इन गौरव पथों ने गांवों की मुख्य गलियों को पक्की सड़कों से जोड़कर स्वच्छता, सुगमता और सौंदर्य को एक साथ जोड़ा है। जहाँ पहले बरसात के मौसम में कीचड़ से भर जाने वाली गलियां थीं, वहाँ अब मजबूत कांक्रीट सड़कों पर बच्चे खेलते हैं, और त्योहारों पर गांव की चौपालों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह गौरव पथ वास्तव में ग्रामीण गौरव के प्रतीक बन गए हैं जिन पर ग्रामवासी गर्व से कहते हैं, “अब हमारा गांव भी शहर जैसा दिखता है।”
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना : दूरस्थ गांवों तक पहुंची नई रोशनी
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने देशभर में ग्रामीण संपर्क का नया युग प्रारंभ किया, और छत्तीसगढ़ में इस योजना का प्रभाव सबसे अधिक दूरस्थ और वनांचल क्षेत्रों में दिखाई देता है। कोरबा जिला, जो पर्वतीय और वनाच्छादित क्षेत्र है, वहाँ इस योजना के माध्यम से ऐसे कई गांवों को मुख्यधारा से जोड़ा गया है, जो पहले मानचित्र पर केवल नाम मात्र के रूप में दर्ज थे। कोरबा जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अब तक 397 नई सड़कों का निर्माण किया गया है। इन सड़कों की कुल लंबाई 1,729.00 किलोमीटर है। इतना ही नहीं, आवागमन को और सुदृढ़ करने के लिए 13 नए पुलों (वृहद पुलों) का भी निर्माण किया गया है। अब ग्रामीणों को किसी नदी या नाले के कारण दिनभर का रास्ता तय नहीं करना पड़ता।
अब हर गांव विकास से जुड़ा
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सड़क जैसी आधारभूत सुविधाओं का लाभ हर ग्राम पंचायत तक पहुंचे। सड़क निर्माण का यह अभियान न केवल भौतिक विकास का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक उन्नति का आधार भी है। जहाँ पहले ग्रामीण अर्थव्यवस्था केवल कृषि और वनोपज तक सीमित थी, वहीं अब सड़क कनेक्टिविटी ने ग्रामीण बाजारों और उद्यमिता को भी गति दी है। महिलाओं के स्व-सहायता समूह अब अपने उत्पादों को शहरों तक पहुँचाने में सक्षम हैं।
सुगम संपर्क से बढ़ा व्यापार, पर्यटन और रोजगार
सड़कों के निर्माण से जिले के पर्यटन स्थलों तक पहुंच आसान हुई है। हसदेव नदी के तट, पहाड़ी झरने, और ग्रामीण पर्यटन स्थलों तक अब पर्यटक सरलता से पहुंच पा रहे हैं। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिले हैं। वहीं व्यापारियों और परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी आर्थिक लाभ हुआ है। कोरबा के औद्योगिक क्षेत्रों बालकोनगर, दीपका, गेवरा और कटघोरा तक बेहतर सड़क संपर्क ने औद्योगिक गतिविधियों को नई ऊर्जा दी है। कोरबा जिला प्रशासन ने सड़क निर्माण में पर्यावरण संतुलन को भी प्राथमिकता दी है। जहाँ संभव हुआ है, वहाँ वृक्षारोपण और जलनिकासी व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया है। सड़क किनारों पर पौधरोपण अभियान चलाकर हरित कोरबा का सपना साकार किया जा रहा है।
यह उपलब्धि केवल आंकड़ों की कहानी नहीं, बल्कि उस जमीनी बदलाव की गवाही है, जो सड़कों के रूप में हर घर, हर गांव और हर नागरिक तक पहुँची है। यह विकास की वह डगर है, जो आने वाले वर्षों में न केवल कोरबा बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ को स्वावलंबन, सुगमता और समृद्धि की दिशा में अग्रसर करेगी। 25 वर्षों की इस अवधि में हर गाँव और नगर में हुए परिवर्तनों ने यह स्पष्ट किया है कि सड़कें केवल भौतिक संरचना नहीं हैं, बल्कि वे जीवन की गति, सामाजिक समृद्धि और सांस्कृतिक धरोहर की संरक्षक भी हैं।
(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी
