
भाेपाल, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश में ज़हरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में कांग्रेन नेता कमलनाथ ने एक बार फिर सरकार काे घेरा है। उन्हाेंने सरकार पर उदासीन रवैया अपनाने और लापरवाही करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जांच में यह बात सामने आई है कि इंदौर की एक दवा फैक्ट्री में फंगस वाले पानी से कफ़ सिरप तैयार किया जा रहा था। हालांकि बच्चों की मौत इस फैक्ट्री की दवा से नहीं हुई, लेकिन यह खुलासा बताता है कि सरकार की निगरानी व्यवस्था कितनी लापरवाह है।
कमलनाथ ने बुधवार काे साेशल मीडिया पर पाेस्ट कर लिखा कि मध्य प्रदेश में ज़हरीली कफ़ सिरप से मरने वाले मासूम बच्चों की संख्या 19 हो चुकी है। लेकिन सरकार अब भी सोई हुई है। हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं, पर सरकार की उदासीनता कम नहीं हुई। जांच में यह बात सामने आई है कि इंदौर की एक दवा फैक्ट्री में फंगस वाले पानी से कफ़ सिरप तैयार किया जा रहा था। यह सही है कि बच्चों की मौत इस फैक्ट्री की दवा से नहीं हुई, लेकिन यह खुलासा बताता है कि सरकार की निगरानी व्यवस्था कितनी लापरवाह है। सोचिए, जिस पानी को कोई घर में छूना भी पसंद न करे, उससे बच्चों की दवा बनाई जा रही थी। फिर भी अधिकारियों और मंत्रियों को शर्म नहीं आई।
कमलनाथ ने आगे कहा कि 19 बच्चों की मौत के बाद भी सरकार हरकत में नहीं आई। जब 10 बच्चों की मौत हो चुकी थी, तब सैंपल डाक से भेजे गए जो तीन दिन बाद पहुंचे। अगर जांच समय पर होती तो कई बच्चों की जान बच सकती थी। पर सरकार को शायद इन मासूमों की जान की कोई कीमत नहीं थी। तमिलनाडु सरकार ने मध्यप्रदेश की इस घटना से सबक लेकर संदिग्ध सिरप पर तुरंत रोक लगा दी, लेकिन यहाँ की सरकार ने टालमटोल की। सवाल है, क्यों? क्या दवा माफियाओं को बचाने के लिए देरी की गई?
पूर्व सीएम ने कहा कि यह सिर्फ़ एक हादसा नहीं, बल्कि सरकारी लापरवाही का नतीजा है। माता-पिता अपने बच्चों को खो चुके हैं और सरकार सफाई देने में व्यस्त है। स्वास्थ्य मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक किसी ने भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं ली। अब जनता पूछ रही है, जवाब कौन देगा? अगर सरकार इतनी ही सतर्क होती तो ये मौतें नहीं होतीं। 19 घर उजड़ गए लेकिन सरकार की संवेदनाएँ अब भी नहीं जगीं। उन्हाेंने कहा कि यह घटना बताती है कि जब सत्ता संवेदनहीन हो जाती है तो सबसे बड़ी कीमत आम लोग चुकाते हैं। अब वक्त है कि सरकार जवाब दे, आखिर इन मासूमों की मौत के लिए जिम्मेदार कौन है?
—————
(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे
