
नई दिल्ली, 08 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी और नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने बुधवार को नीति आयोग के फ्रंटियर टेक हब अध्ययन, समावेशी सामाजिक विकास के लिए एआई का शुभारंभ किया। इसे डेलॉइट के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है।
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि ये अग्रणी रिपोर्ट व्यवस्थित रूप से यह पता लगाने का अपनी तरह का पहला प्रयास है कि किस प्रकार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और अग्रणी प्रौद्योगिकियां भारत के 490 मिलियन अनौपचारिक श्रमिकों के जीवन और आजीविका को बदल सकती हैं।
जयंत चौधरी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि यह रिपोर्ट अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में समावेशिता और उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए एआई का लाभ उठाने का एक रोडमैप प्रदान करती है, जो 2047 तक भारत के विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है। चौधरी ने कहा, भारत के अनौपचारिक कामगारों को सशक्त बनाना सिर्फ़ एक आर्थिक प्राथमिकता नहीं, बल्कि एक नैतिक अनिवार्यता भी है। कामगारों के लिए एआई में डिजिटल कौशल विकास का लक्ष्य, एआई और अग्रणी तकनीकों का लाभ उठाकर, शिक्षा को अनुकूल, सुलभ और मांग-आधारित बनाने के हमारे राष्ट्रीय कौशल एजेंडे के साथ पूरी तरह से मेल खाता है। उन्होंने कहा कि सरकार, उद्योग और नागरिक समाज को एक साथ लाकर, यह मिशन यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक कामगार—चाहे वह किसान हो, कारीगर हो या स्वास्थ्य सेवा सहायक—के पास भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था में फलने-फूलने के लिए आवश्यक कौशल, उपकरण और अवसर हों।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
