
मीरजापुर, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश के मीरजापुर के नरायनपुर विकासखंड के ग्राम दिक्षितपुर में बुधवार की सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब ग्रामीणों ने खेत में एक अजीबोगरीब और दुर्लभ प्रजाति के पैंगोलिन को रेंगते देखा। पहले तो लोग उसे सांप समझकर भयभीत हो गए, लेकिन बाद में समझ आने पर उन्होंने राहत की सांस ली।
घटना की जानकारी मिलते ही रैपुरिया के प्रसिद्ध सर्प पकड़ने वाले पतालू पटेल मौके पर पहुंचे। खेत में जाल में फंसे पैंगोलिन को उन्होंने सावधानीपूर्वक पकड़कर वन विभाग को सौंप दिया। ग्रामीणों ने पतालू पटेल की समझदारी और साहस की सराहना की।
पतालू पटेल ने बताया कि पैंगोलिन को स्थानीय भाषा में वज्रशल्क, सल्लू सांप या चींटीखोर कहा जाता है। यह प्राणी आमतौर पर जंगलों और पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है और दीमक तथा चींटियां खाता है। इसके शरीर पर केराटिन से बने शल्क होते हैं जो कवच की तरह सुरक्षा देते हैं।
जानकारों के अनुसार, पैंगोलिन दुनिया के सबसे दुर्लभ स्तनधारी जीवों में गिना जाता है, जिसका अवैध शिकार और व्यापार होने के कारण अस्तित्व खतरे में है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसके शल्क की कीमत ढाई लाख रुपये किलो तक बताई जाती है, जिनसे कथित रूप से औषधि बनाई जाती है।
रैपुरिया लाए जाने पर पैंगोलिन को देखने के लिए ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने आश्चर्य से उसकी तस्वीरें लीं। इस दौरान पैंगोलिन ने मात्र दस मिनट में एक फुट गहरा गड्ढा खोद दिया, जिसे देखकर लोग दंग रह गए। वन विभाग की टीम ने बाद में उसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ा।
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(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
