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दिल्ली में गोगी गैंग पर शिकंजा: दो बदमाश गिरफ्तार, अवैध हथियार और पाकिस्तानी कनेक्शन का खुलासा

गोगी गैंग के पकड़े गए आराेपिताें की फाेटाे

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । बाहरी उत्तरी जिला पुलिस ने गोगी गैंग गिरोह के दो कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए बदमाशों की पहचान ऋतिक उर्फ बॉम्ब (22) और चंदन (19) के रूप में हुई है। जो दोनों कापसहेड़ा इलाके के रहने वाले हैं। पुलिस ने इनके पास से एक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल, एक देशी कट्टा, तीन जिंदा कारतूस और एक सफेद आई 20 कार बरामद की है। दोनों के खिलाफ पहले भी कई संगीन मामले दर्ज हैं।

बाहरी उत्तरी जिले के पुलिस उपायुक्त हरेश्वर स्वामी ने बुधवार काे बताया कि दाे अक्टूबर को दशहरा के दिन संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में पेट्रोलिंग के दौरान पुलिस टीम को बिना नंबर प्लेट की एक सफेद कार संदिग्ध हालत में घूमती दिखाई दी। पुलिस ने जब वाहन को रुकने का इशारा किया तो कार सवार भागने लगे। पुलिस ने पीछा कर कार को रोक लिया और दो आरोपिताें को मौके से दबोच लिया। जबकि तीन अन्य फरार हो गए। तलाशी में ऋतिक और चंदन के पास से अवैध हथियार मिले, जिसके बाद इनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया।

पूछताछ में ऋतिक ने कबूला कि वह पहले कुख्यात अपराधी राजेश भारती की क्रांति गैंग का सदस्य था और उसके मारे जाने के बाद उसने सोनू खारकरी और गोगी गिरोह के लिए काम करना शुरू कर दिया। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि ऋतिक केवल हथियारबंद अपराधों में ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान से चल रहे साइबर क्राइम नेटवर्क से भी जुड़ा हुआ था। वह पाकिस्तान में बैठे ठगों के लिए भारतीय यूपीआई आईडी के जरिये क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन करवाता था। बदले में उसे हर ट्रांजैक्शन पर पांच प्रतिशत कमीशन मिलता था।

ऋतिक के मोबाइल फोन से छह पाकिस्तानी नंबर (+92 सीरीज) और तीन अकाउंट्स की जानकारी मिली है। पुलिस का कहना है कि यह नेटवर्क फर्जी लोन ऐप्स के जरिये भारतीय नागरिकों से पैसे ठगता था और फिर उन्हीं पैसों को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर विदेश भेजता था। पीड़ितों से वसूले गए पैसों को ऋतिक के दिए गए यूपीआई आईडी में जमा कराया जाता था। जिसके बदले में वह पाकिस्तानी हैंडलर्स के खातों में क्रिप्टो करेंसी ट्रांसफर कर देता था।

दोनों आरोपितों को अदालत में पेश कर पांच दिन की पुलिस रिमांड ली गई है। इस दौरान पुलिस ने कापसहेड़ा और आसपास के इलाकों में छापेमारी की। जहां से कुछ और सुराग मिले हैं। फरार आरोपित सूरज उर्फ ऋतिक की तलाश में भी छापेमारी जारी है। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह न केवल हथियारबंद वारदातों में लिप्त है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित साइबर-फाइनेंशियल ठगी के नेटवर्क से भी जुड़ा है।

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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी

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