श्रीनगर, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । जम्मू-कश्मीर ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत 1.05 करोड़ से ज़्यादा आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते (एबीएचए) बनाकर डिजिटल स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि यह उपलब्धि प्रौद्योगिकी-संचालित, एकीकृत सेवाओं के माध्यम से पूरे केंद्र शासित प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा वितरण में बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एबीएचए की कुल संख्या 1,05,04,499 तक पहुंच गई है जो डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को तेजी से अपनाने को दर्शाता है। एबीडीएम से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि जम्मू और कश्मीर न केवल स्वास्थ्य सेवाओं और डिजिटल भुगतान में आगे बढ़ रहा है बल्कि डिजिटल स्वास्थ्य सेवा में भी अग्रणी बनकर उभर रहा है। सितंबर 2021 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च किया गया मिशन औपचारिक रूप से जुलाई 2022 में यूटी में शुरू किया गया था और तब से इसमें उल्लेखनीय गति आई है।
एबीडीएम का लक्ष्य देश भर में स्वास्थ्य सेवा हितधारकों को जोड़ने वाला एक मजबूत डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है जो निर्बाध सेवा वितरण को सक्षम बनाता है। अकेले सितंबर 2025 में जम्मू-कश्मीर में 7.5 लाख एबीएचे कार्ड बनाए गए जो ज़मीनी स्तर पर तेज़ी से अपनाए जाने का प्रमाण हैँ
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा सचिव सैयद आबिद रशीद शाह और ।ठक्ड मिशन निदेशक अनंत द्विवेदी के मार्गदर्शन में केंद्र शासित प्रदेश ने कई राष्ट्रीय मानकों को पार कर लिया है और जन स्वास्थ्य पेशेवरों सरकारी अस्पतालों और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं का 100 पंजीकरण हासिल किया है।
अधिकारियों ने बताया कि स्कैन एंड शेयर सेवा के तहत जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष चार राज्यों में शामिल है जहाँ ओपीडी-आधारित टोकन जनरेशन के लिए 82,87,701 स्कैन और शेयर दर्ज किए गए हैं। मरीज़ अब एबीएचे ऐप या ंइकउरा.पद के ज़रिए क्यूआर कोड स्कैन करके घर से ही ओपीडी स्लॉट बुक कर सकते हैं जिससे अस्पताल में लगने वाली कतारों को कम करने के लिए पहले से टोकन जनरेट हो जाते हैं। केंद्र शासित प्रदेश ने नागरिकों के एबीएचे आईडी से जुड़े 90,44,810 इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड इमआर भी दर्ज किए हैं जिससे मरीज़ पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड (पीएचआर )ऐप के ज़रिए अपना पूरा स्वास्थ्य इतिहास देख सकते हैं।
(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता
