
गौतम बुद्ध नगर, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) मेरठ सेक्टर की टीम ने धोखाधड़ी के करीब नौ साल पुराने एक मामले में आरोपित पूर्व महामंडलेश्वर सचिन दत्ता उर्फ बिल्डर बाबा को मंगलवार की शाम नोएडा से गिरफ्तार किया है। वह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक-एक फ्लैट पर कई बैंकों से करोड़ों रुपये का लोन लेने और धोखाधड़ी के मामले में वांछित था।
पूर्व महामंडलेश्वर सचिन दत्ता उर्फ बिल्डर बाबा और उसके सहयोगियों ने गाजियाबाद में श्रीबालाजी हाईटेक कंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से फर्म बनाई थी। इस फर्म ने क्रॉसिंग रिपब्लिक गाजियाबाद में फोस्टर हाइट्स हाउसिंग सोसाइटी में ग्राहकों को सस्ते फ्लैट बनाकर बेचने व अन्य लुभावने वादे किए थे। निर्माणाधीन 180 फ्लैटों में से अधिकांश फ्लैट के आवंटन पत्र कई-कई खरीदारों को जारी कर दिए गए थे। इसके लिए आरोपितों ने बैंकों के कर्मचारियों से मिलीभगत करके फ्लैटों पर ऋण स्वीकृत कराकर फर्म के खातों में ट्रांजेक्शन कराई और धनराशि हड़प ली थी। इस संबंध में खरीदारों ने वर्ष 2016 में गाजियाबाद के विजयनगर थाने में मुकदमे दर्ज कराए थे। इनमें से 19 मुकदमों की विवेचना उत्तर प्रदेश शासन के आदेश पर ईओडब्ल्यू मेरठ सेक्टर को आवंटित की गई थी।
आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारियों के अनुसार एक मुकदमे की जांच के दौरान सामने आया कि फोस्टर हाइट्स योजना के निदेशक राजेंद्र दत्ता, प्रबंध निदेशक सचिन दत्ता ने मिलकर सत्यदेव सिंह के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ऋण लिया था। इसमें गारंटर की भूमिका फरीदाबाद के सेक्टर-17 निवासी अभिषेक सिंह ने निभाई थी। गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित पंजाब नेशनल बैंक के तत्कालीन मुख्य शाखा प्रबंधक भगवान दत्त शर्मा एवं ऋण प्रबंधक जय सिंह से मिलीभगत कर हिमांशु सिंह के फ्लैट पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 55.50 लाख का ऋण लिया गया था। हिमांशु ने धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले में सत्यदेव को 4 जुलाई को और अभिषेक को 25 सितंबर को ईओडब्ल्यू की टीम ने गिरफ्तार किया था।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने 31 जुलाई 2015 को प्रयागराज की बाघंबरी गद्दी में सचिन दत्ता उर्फ बिल्डर बाबा को निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया था। उस समय उसे नया नाम सच्चिदानंद गिरी मिला था। कार्यक्रम में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव और पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह भी मौजूद थे।
कुछ दिन बाद ही पता चला कि सचिन दत्ता नोएडा में नाइट क्लब चलाता है। ठगी के मुकदमे भी उसके खिलाफ दर्ज हैं। इसके बाद आठ दिन में ही उससे महामंडलेश्वर की पदवी छीन ली गई थी। अखाड़ा परिषद की ओर से 14 फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी की गई थी। इनमें सचिन दत्ता का भी नाम शामिल था। सचिन दत्ता और उसके पिता राजेंद्र दत्ता काफी वर्षों से नोएडा में रह रहे हैं। इससे पहले भी सचिन दत्ता गिरफ्तार हुआ था, तथा वह कई वर्षों तक यूपी और दिल्ली के जेलों में निरुद्ध रहा। मौजूदा समय में वह जमानत पर बाहर था।
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(Udaipur Kiran) / सुरेश चौधरी
