
जयपुर, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राज्य मानवाधिकार आयोग ने एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में हुए अग्निकांड से आठ मरीजों की मौत सहित बालकों को खांसी का सिरप देने और मृत बालक की आंख निकालने के मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया है। वहीं आयोग ने इन सभी घटनाओं पर एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक व प्राचार्य सहित राज्य के मुख्य चिकित्सा सचिव, जिला मजिस्ट्रेट, जयपुर पुलिस कमिश्नर और सीएमएचओ प्रथम व द्वितीय से जवाब देने के लिए कहा है। आयोग ने इन्हें कहा है कि वे इन सभी घटनाओं की बिन्दुवार प्रगति रिपोर्ट पेश करें और आयोग इनसे अपेक्षा रखता है कि वे एसएमएस अस्पताल के मरीजों व उनके परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। आयोग के अध्यक्ष जस्टिस जीआर मूलचंदानी ने यह आदेश मीडिया में प्रकाशित खबरों पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए दिया।
आयोग ने कहा कि पहले भी एसएमएस अस्पताल में प्लास्टर गिरने से मरीजों के घायल होने सहित अन्य मुद्दों पर आयोग ने आदेश दिए थे, लेकिन फिर भी एसएमएस अस्पताल में इन घटनाओं की पुनरावृत्ति हो रही है। ट्रोमा सेंटर में अग्निकांड हादसा मानवता को झकझोर करने वाली घटना है। वहीं मृत बालक की आंख निकालने और बालकों को अमानक खांसी सिरप देना भी गंभीर है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि अस्पताल में अग्निशमन सेफ्टी सिस्टम ही सुचारू नहीं था और इस कारण ही अस्पताल में इतना बड़ा हादसा हुआ। यह सभी घटना दर्दनाक व मानवीय संवेदनाओं को झकझोर करने वाली हैं और बताती हैं कि अस्पताल प्रशासन मरीजों व उनके परिजनों के प्रति उदासीन है। इस मामले में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सीएम के स्तर पर सख्त कार्रवाई की गई और अस्पताल अधीक्षक को बदला गया। इसलिए अस्पताल प्रशासन सुरक्षा मापदंडों का पुन: निरीक्षण करे, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो।
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(Udaipur Kiran)
