Chhattisgarh

धमतरी : मुरूमसिल्ली बांध लबालब, 15 गांवों के सैकड़ों एकड़ धान फसल पर खतरा

डुबान क्षेत्र के पीड़ित किसान कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुरूमसिल्ली बांध से पानी छोड़ने की मांग करते हुए।

धमतरी, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । डुबान प्रभावित 15 गांवों के किसान सात अक्टूबर को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। मुरूमसिल्ली बांध के लबालब भरने से उनके खेतों में तैयार धान फसल डूबने लगी है, ऐसे में प्रभावित किसानों ने कलेक्टर से मिलकर बांध से तीन फीट नीचे तक पानी छोड़ने की मांग की है, ताकि उनके तैयार धान फसल सुरक्षित बच सके। पानी नहीं छोड़ने पर उनके धान फसल के पानी में डूबकर सड़ने की आशंका बढ़ गई है।

डुबान क्षेत्र के कास्तकार किसान जितेन्द्र सोरी, रंजीत सोरी, चिंताराम, लखन लाल, सुरेन्द्र कुमार, संतोष सोरी, श्रवण कुमार, घनाराम मरकाम, महेश्वर समेत अन्य किसान मंगलवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। यहां अधिकारियों से मिलकर प्रभावित किसानों ने सौंपे ज्ञापन में अपनी समस्या बताते हुए कहा है कि भादो व क्वांर माह में हुई अच्छी बारिश से मुरूमसिल्ली बांध इन दिनों लबालब भरा हुआ है। इससे बांध के किनारे के गांवों में लगे खेतों में पानी भर गया है, जिसमें किसानों के खरीफ धान फसल तैयार हो रही है। पौधों से बालियां निकल आई है। अर्ली वेरायटी के धान फसल पक गई है। वहीं लेट वेरायटी के धान फसल तैयार हो रही है। बांध में अधिक पानी भरने के कारण धान फसल पानी में डूबने की कगार पर है। तैयार फसल पानी में डूबती है, तो सड़ कर नष्ट हो जाएगा, इससे पहले पीड़ित किसानों ने मुरूमसिल्ली बांध से करीब तीन फीट नीचे तक बांध से शीघ्र ही पानी छोड़ने की मांग की है, ताकि उनके तैयार धान फसल बचाया जा सके। इन किसानों का कहना है कि जीवनयापन के लिए सिर्फ उनके पास यही जमीन है, अतिरिक्त कुछ भी नहीं है। यदि यह फसल पानी में डूब कर सड़ती है तो उनके परिवारों के सामने भूखे मरने की नौबत आ सकती है। ऐसे में किसानों ने जिला प्रशासन से शीघ्र बांध से पानी छोड़ने की गुहार लगाई है।

डूब प्रभावित गांवों में चनागांव, छिंदभर्री, माड़मसिल्ली, अमलीपारा, सियारीनाला, झिपाटोला, बीजापुर, हितली, बगरूमनाला, फुरहरधाप, बरकोन्हा, बेंदरापानी, हर्राकोठी, रायपारा, नाथूकोन्हा समेत अन्य गांव शामिल है। इन गांवों के किसानों की चिंता तैयार धान फसल के करीब पानी आने से बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि वे जल संसाधान विभाग के इस जमीन को लीज पर लेकर सालों से खेती करते आ रहे हैं। क्षेत्र में अतिरिक्त आय का कोई और जरिया नहीं है, ऐसे में किसानों की जिंदगी इसी जमीन पर टिकी हुई है। कलेक्ट्रेट कार्यालय में उपस्थित जवाबदार अधिकारियों ने इन किसानों को उनकी मांगों को शासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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