श्रीनगर, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने मंगलवार को भारत के सर्वाेच्च न्यायालय में विश्वास रखने का आग्रह किया और राज्य का दर्जा बहाल करने तथा स्थानीय शिकायतों के निवारण की अपील की। साथ ही उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए बातचीत को पटरी से उतारने के प्रयासों की आलोचना की।
उपमुख्यमंत्री चौधरी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर का इतिहास दर्शाता है कि हम हार मानने वाले लोग नहीं हैं। हमने लंबी दूरी और चुनौतियों का सामना किया है और हम घबराते नहीं हैं। हम भारत के कानून और देश की सर्वाेच्च अदालत, सर्वाेच्च न्यायालय में अपना विश्वास रखते हैं क्योंकि यह एक ऐसी संस्था है जिस पर धर्म और समुदाय से परे पूरा देश भरोसा करता है।
चौधरी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि माननीय न्यायाधीश अपना फैसला सुनाते समय जम्मू-कश्मीर की भावनाओं को समझेंगे। वे यह भी समझेंगे कि 2019 में लद्दाख में क्या हुआ था और कैसे वह क्षेत्र जो कभी गौरवशाली था अपनी वर्तमान स्थिति तक पहुँच गया।
उन्होंने आगे कहा कि हमने हमेशा कहा है कि यह महाराजा का राज्य है। महाराजा हरि सिंह ने स्वयं कहा था कि यह मेरा राज्य है। राज्य की स्थिति को बदलने वाले फैसले लेने से पहले महाराजा के उत्तराधिकारियों से सलाह क्यों नहीं ली जाती।
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सचमुच जम्मू-कश्मीर से प्यार करती है और उसकी तरक्की चाहती है तो उसे राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए ताकि हमारे बच्चे बेरोज़गार न रहें। अगर वे सचमुच विकास चाहते हैं तो उन्हें राज्य का दर्जा देना ही होगा।
उपराज्यपाल कार्यालय में नौकरशाही की देरी और व्यावसायिक नियमों के लंबित रहने पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उपराज्यपाल को ज़मीनी हकीकत समझनी चाहिए। वह पाँच-छह साल से पद पर हैं और लोगों की शिकायतें हैं। उद्योगपति मुझे बताते हैं कि उद्योग नीति में अनियमितताएँ हैं। अगर आप खनन की बात करें तो अवैध गतिविधियों के आरोप लगते हैं। अगर बाढ़ में सड़कें और पुल बह गए और सेब व अन्य उत्पाद नष्ट हो गए तो लोग पूछते हैं कि कार्रवाई क्यों नहीं की गई। मैं उपराज्यपाल को साफ़-साफ़ कह दूँगा कि लंबित फ़ाइलें और व्यावसायिक नियम जारी करूँगा और जहाँ अनियमितताओं का आरोप है, वहाँ कार्रवाई करूँगा।
उन्होंने कहा कि मैंने एलजी से खुद को नियमित करने का आग्रह किया था क्योंकि हमें दैनिक वेतनभोगियों को नियमित करना है क्योंकि कई कर्मचारी दैनिक वेतन पर हैं और उनकी स्थिति अभी भी अनिश्चित है। मेरे द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने के बाद, मेरे मोटर गैराज में खड़ी गाड़ियाँ वापस ले ली गईं।
उपमुख्यमंत्री के रूप में मेरे पद के कारण पिछले 11 महीनों से मुझे सुरक्षा मिल रही थी। अचानक उन गाड़ियों को वापस ले लिया जाना, यह दर्शाता है कि अब कोई खतरा नहीं है। मैं उन गाड़ियों में तीन बार मुश्किल से मौत के मुँह में गया हूँ। मैं एलजी से फिर कहता हूँ कि आपने जो फाइलें रोक रखी हैं, उन्हें जारी करें, व्यावसायिक नियम जारी करें, और गलत कामों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें और खुद को नियमित करें।
उन्होंने कहा कि हम केवल जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ उचित व्यवहार की माँग करते हैं। लंबित मामलों पर स्पष्ट आदेश दें और जहाँ शिकायतें हैं, वहाँ जवाबदेही सुनिश्चित करें।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
