
शिमला, 07 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश सरकार एक सुदृढ़ और आधुनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली तैयार करने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूत बनाने के साथ-साथ आम लोगों के लिए चिकित्सा सेवाओं की पहुंच आसान करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि ऊना में पीजीआई सैटेलाइट सेंटर, शिमला के आईजीएमसी में उन्नत उपकरणों की स्थापना, ट्रॉमा सेंटर और नया ओपीडी ब्लॉक, टांडा मेडिकल कॉलेज में पीईटी स्कैन मशीन जैसी सुविधाएं इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। साथ ही अटल सुपर स्पेशियलिटी संस्थान चमियाणा और टांडा मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी शुरू की गई है तथा आने वाले समय में अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी यह सुविधा दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य के दुर्गम इलाकों में टेलीमेडिसिन सेवाओं से मरीजों को विशेषज्ञों की सलाह उपलब्ध करवाई जा रही है। शहरी क्षेत्रों में लोगों को व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए ‘अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ स्थापित किए जा रहे हैं। प्रसव पूर्व देखभाल को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जबकि बिलासपुर और किन्नौर जैसे जिलों में समय पर जांच के लिए उच्च कवरेज हासिल की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हिम केयर’ योजना ने गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को बड़ी राहत दी है। इस योजना से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं और उनका आर्थिक बोझ कम हुआ है। सिरमौर जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों को सशक्त करने का प्रयास सराहनीय कदम है।
ठाकुर सुक्खू ने बताया कि राज्य सरकार स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए भी कदम उठा रही है। इसके तहत 200 मेडिकल अधिकारी, 38 सहायक प्रोफेसर और 400 स्टाफ नर्सों को जॉब ट्रेनी के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दी गई है। साथ ही रेडियोग्राफर और एक्स-रे तकनीशियनों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल स्वास्थ्य सूचना प्रणाली का विस्तार उप-केंद्र से राज्य स्तर तक किया जा रहा है, ताकि सेवाओं में पारदर्शिता और दक्षता बढ़े। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हिमाचल के लोगों को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण उपचार की सुविधा प्रदेश के भीतर ही उपलब्ध हो, ताकि उन्हें इलाज के लिए बाहर न जाना पड़े।
—————
(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
