
– अरुणोदय असम के स्वतंत्रोत्तर इतिहास की सबसे बड़ी कल्याण योजना : मुख्यमंत्री
– “अरुणोदय केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि ‘मां-बहनों’ के प्रति सम्मान का प्रतीक है” – डॉ. हिमंत बिस्व सरमा
गुवाहाटी, 07 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने मंगलवार को ‘अरुणोदय 3.0’ का औपचारिक शुभारंभ किया। राज्य के 38 लाख से अधिक लाभार्थियों को अब हर महीने 1250 रुपये की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण राशि दी जाएगी। खानापाड़ा स्थित वेटेरिनरी साइंस कॉलेज के मैदान में आयोजित केंद्रीय समारोह में मुख्यमंत्री ने राज्य के 25,991 मतदान केंद्रों पर एकत्रित लाभार्थियों को वर्चुअली संबोधित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “अरुणोदय असम के स्वतंत्रोत्तर इतिहास की सबसे बड़ी जनकल्याण योजना है।” उन्होंने बताया कि राज्य सरकार हर वर्ष लगभग पांच हजार करोड़ रुपये इस योजना के अंतर्गत खर्च करेगी ताकि ‘अंत्योदय’ परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सके।
डॉ. सरमा ने कहा कि “अरुणोदय एक समावेश और सशक्तिकरण की यात्रा है — 18 लाख से 28 लाख और अब 38 लाख लाभार्थी, 830 से 1000 रुपये और अब 1250 रुपये प्रतिमाह — यह हमारी बढ़ती प्रतिबद्धता का प्रमाण है।” उन्होंने यह भी कहा कि “यह केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि हमारे ‘मां-बहनों’ के प्रति सम्मान और कृतज्ञता की भावना का प्रतीक है।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि अरुणोदय योजना की शुरुआत 2020 में उनके वित्त मंत्री रहते की गई थी, ताकि कोविड-19 महामारी के दौरान गरीब परिवारों को राहत दी जा सके। शुरुआती चरण में 18 लाख लाभार्थियों को 830 रुपये की मासिक सहायता दी गई थी, जिसे अक्टूबर 2021 से बढ़ाया गया।
उन्होंने कहा कि भले ही अरुणोदय 1.0 और 2.0 में उदार दृष्टिकोण अपनाया गया था, लेकिन कई महिलाएं इससे वंचित रह गईं। इसलिए अब अरुणोदय 3.0 के माध्यम से 38 लाख से अधिक परिवारों को जोड़ा गया है। डॉ. सरमा ने बताया कि बोडोलैंड क्षेत्र (बीटीआर) में हाल में हुए चुनावों के कारण वहां योजना लागू होने में कुछ समय लगेगा, परंतु लगभग छह लाख लाभार्थियों को वहां भी शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आलोचक भले इसे लाभार्थी-केंद्रित योजना कहें, लेकिन “अरुणोदय राज्य सरकार की महिलाओं और माताओं के प्रति सम्मान और आभार का प्रतीक है।” उन्होंने घोषणा की कि नवंबर से राशन कार्ड धारक परिवारों को दाल, नमक और चीनी सब्सिडी दर पर दी जाएगी, साथ ही जिन्होंने गैस दस्तावेज जमा किए हैं, उन्हें ₹250 अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। भविष्य में खाद्य तेल भी सब्सिडी दर पर उपलब्ध कराने की योजना है।
उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों के उत्थान के लिए कई कदम उठा रही है — छात्रों के लिए निशुल्क प्रवेश, छात्राओं के लिए साइकिल और स्कूटी, तथा ‘निजुत मोइना’ योजना के तहत छात्राओं को आर्थिक सहायता दी जा रही है। उन्होंने लाभार्थियों से अपने बैंक केवाईसी दस्तावेज़ अपडेट रखने और मोबाइल नंबर बदलने पर प्रशासन को सूचित करने की अपील की।
डॉ. सरमा ने बताया कि अब हर विकास खंड कार्यालय में एक ‘अरुणोदय सहायक’ नियुक्त होगा जो लाभार्थियों की शिकायतें और समस्याएं सुलझाने में मदद करेगा। जल्द ही एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी लाभार्थी की मृत्यु हो जाए, तो परिवार को तुरंत प्रशासन को सूचित करना चाहिए ताकि योग्य सदस्य को सूची में जोड़ा जा सके।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि “अरुणोदय की सफलता से प्रेरित होकर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने इस मॉडल को अपनाया है।” उन्होंने कहा कि यह असम के लिए गर्व की बात है कि “उगते सूरज की भूमि अब देश को गरीबी उन्मूलन की दिशा में अग्रसर कर रही है।”
समारोह में वित्त विभाग के आयुक्त-सचिव जयंत नार्लीकर ने स्वागत भाषण दिया, जबकि वित्त मंत्री अजंता नेओग ने कार्यक्रम को संबोधित किया। राज्यसभा सांसद भुवनेश्वर कलिता, गुवाहाटी लोकसभा सांसद बिजुली कलिता मेधी, विधायक सिद्धार्थ भट्टाचार्य, रमेंद्र नारायण कलिता, सुमन हरिप्रिया, गुवाहाटी के महापौर मृगेन शरनिया, मुख्य सचिव डॉ. रवी कोटा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
राज्य भर में आयोजित इसी तरह के कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद, विधायक और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
