
आफरी में शुष्क एवं अर्ध शुष्क क्षेत्रीय प्रजातियों के लिए नर्सरी प्रौद्योगिकियां पर प्रशिक्षण शुरू
जोधपुर, 07 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद के शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (आफरी) जोधपुर द्वारा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वित्तीय सहयोग से शुष्क एवं अर्ध शुष्क क्षेत्रीय प्रजातियों के लिए नर्सरी प्रौद्योगिकियां विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारम्भ किया गया।
प्रशिक्षण का उद्घाटन कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के डीन डॉ. जेआर वर्मा के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य राजस्थान की विषम जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल, वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग करते हुए गुणवत्तायुक्त पौध तैयार करना, उनका सफल रोपण करना, उचित देखभाल, पौध संरक्षण तथा संवर्धन के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है। मुख्य अतिथि डॉ. वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए स्थानीय प्रजातियों के पौधे लगाना और उनका संरक्षण करना आवश्यक है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार की विभिन्न महत्वाकांक्षी पर्यावरण संरक्षण योजनाओं के कारण सकारात्मक बदलाव आए हैं।
पाठ्यक्रम निदेशक तथा समूह समन्वयक (शोध) डॉ. संगीता सिंह ने अपने स्वागत उद्बोधन में प्रशिक्षण के दौरान आयोजित होने वाले तकनीकी सत्रों की रूपरेखा प्रस्तुत की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा पाठ्यक्रम पुस्तिका और चार विभिन्न तकनीकी ब्रोशर्स का विमोचन भी किया गया। प्रतिभागियों को आफरी की शोध गतिविधियों पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। प्रशिक्षण के पहले दिन विशेषज्ञों ने अच्छे बीजों का महत्व, चयन, भंडारण, गुणवत्तापूर्ण पौध उत्पादन के लिए रूट ट्रेनर आधारित नर्सरी तकनीक और उच्च गुणवत्ता युक्त पौधारोपण का कृषि वानिकी में महत्त्व जैसे विषयों पर व्याख्यान दिए। कार्यक्रम के दौरान प्रभागाध्यक्षों में रमेश विश्नोई, विकास अरोड़ा, एसआर बालोच, डॉ. शिवानी भटनागर, राजेश गुप्ता तथा वैज्ञानिक डॉ. तन्मय कुमार भोई एवं डॉ. अदिति टेलर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. संगीता सिंह ने दिया एवं संचालन मीता सिंह तोमर ने किया।
(Udaipur Kiran) / सतीश
