Assam

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे अपने पूरे जोन में चला रहा कई हरित पहल

असमः गुवाहाटी रेलवे स्टेशन का दृश्य

-गुवाहाटी रेलवे स्टेशन भारत का पहला 100 प्रतिशत प्लास्टिक पुनर्चक्रण स्टेशन बनने की राह पर

गुवाहाटी, 07 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) ने पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने और भारतीय रेलवे के ग्रीन मिशन-2030 के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अपने नेटवर्क में कई अग्रणी पहलों की शुरुआत की है। इन प्रयासों के बीच, भारत के पहले 100 प्रतिशत प्लास्टिक पुनर्चक्रण स्टेशन बनने की राह पर गुवाहाटी रेलवे स्टेशन का परिवर्तन, मजबूत रेल संचालन में एक महत्वपूर्ण पहल है।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) कपिंजल किशोर शर्मा ने मंगलवार को बताया कि इस पहल की योजना पूसीरे, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, असम (पीसीबीए) और एक स्थानीय अधिकृत पुनर्चक्रणकर्ता के बीच त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) के माध्यम से बनाई जा रही है, जिसमें आईआईटी गुवाहाटी का तकनीकी सहयोग भी शामिल है।

उन्होंने बताया कि यह पहल वैज्ञानिक नवाचार, नियामक अनुपालन और व्यावहारिक क्रियान्वयन को मिलाकर पूरे क्षेत्र में प्रभावी प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक अनुकरणीय मॉडल तैयार करना है। इस कार्यक्रम के तहत पूसीरे ने एक व्यापक प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली शुरू की है, जिसमें पृथक्करण के लिए रंग-कोडित कूड़ेदान, बोतल क्रशिंग मशीनें, खाद बनाने वाली इकाइयां और वास्तविक समय दक्षता ट्रैकिंग के लिए क्यूआर कोड-आधारित निगरानी शामिल है। आईआईटी गुवाहाटी द्वारा विकसित पर्यावरण के अनुकूल कंपोस्टेबल बैग ने ट्रेनों में एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक की जगह ले ली है, जिससे प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन में उल्लेखनीय कमी आई है।

जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि जागरूकता बढ़ाने और जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए पूसीरे ने विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर अनेक अपशिष्ट से कला प्रदर्शनियां, नुक्कड़ नाटक, स्काउट एवं गाइड जागरूकता अभियान और डिजिटल अभियान आयोजित किए हैं। इन पहलों से यात्रियों, विक्रेताओं और रेल कर्मचारियों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ी है। परिणामस्वरूप, विक्रेताओं का अनुपालन 100 प्रतिशत तक पहुंच गया है, यात्रियों की स्वच्छता संबंधी शिकायतों में 60 प्रतिशत की कमी आई है और समग्र स्टेशन परिवेश में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

सीपीआरओ ने बताया कि इन उपलब्धियों के आधार पर पूसीरे अपने नेटवर्क के नौ और स्टेशनों पर 100 प्रतिशत प्लास्टिक पुनर्चक्रण योग्य स्टेशन मॉडल को विस्तार करने की योजना बना रहा है। इस पहल का उद्देश्य पूरे जोन को अधिक स्वच्छ, हरित और पर्यावरण के प्रति अधिक ज़िम्मेदार बनाना है।——-

(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय

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