
धमतरी, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मानदेय वृद्धि, कार्य से जबरन हटाने की प्रक्रिया पर रोक और कर्मचारी दर्जा देने की मांग को लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की एनआरएलएम बिहान योजना के अंतर्गत कार्यरत सीआरपी सक्रिय महिलाओं ने आज मंगलवार को गांधी मैदान में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया।
महिलाओं का कहना है कि वे राज्य और केंद्र की कई विकास योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने का भार उठाती हैं। समूह गठन, मीटिंग, लोन दिलाना, खातों का आडिट, बीमा, सर्वे से लेकर मनरेगा, पशुपालन, कृषि और आजीविका संबंधी पूरी जानकारी ऑनलाइन-ऑफलाइन संकलित करना उनकी दिनचर्या में शामिल है। इसके साथ ही उन्हें स्वच्छता अभियान, जल जीवन योजना, आंगनबाड़ी कार्यक्रम, आयुष्मान कार्ड और विभिन्न सर्वे कार्य भी बिना किसी अतिरिक्त मेहनताना के करने पड़ते हैं।
महिलाओं ने बताया कि उनका मासिक मानदेय मात्र 1910 रुपये है, जो न्यूनतम जरूरतों के लिए भी पर्याप्त नहीं। जबकि पड़ोसी महाराष्ट्र में सक्रिय महिला को छह हजार मिलते हैं। निजी मोबाइल से ऑनलाइन काम करने, नेट रिचार्ज, ट्रेनों और मीटिंग्स में आने-जाने के खर्च का कोई भत्ता नहीं दिया जाता। मानदेय भी कई ब्लॉकों में पांच-छह महीने में एक बार दिया जाता है, वह भी काट-छांट कर। कई वर्षों से सेवा दे रही महिलाओं को अचानक कार्य से हटाने की कार्रवाई को उन्होंने अलोकतांत्रिक और अन्यायपूर्ण बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकोस, वीपीआरपी और लखपति दीदी जैसे विशेष कार्यों का भुगतान भी समय पर नहीं मिलता। संघ की सदस्य दामिनी साहू, सोमनी साहू ने कहा कि अपनी मेहनत का उचित सम्मान और अधिकार पाने तक संघर्ष जारी रहेगा।
इस अवसर पर कौशल्या साहू, रत्नावली, प्रेमलता साहू, रश्मि गनीर, जीवनी ध्रुव, लता साहू रेणुका साहू, रामेश्वरी खूंटे, सुनीता साहू, कुसुमलता तारक, पुष्पा मेश्राम, ममता पटेल, ईश्वरी पटेल, रेखा साहू, नीतू साहू, द्रौपदी ध्रुव, कुंती ध्रुव सहित अन्य महिलाएं उपस्थित थी।
महिलाओं ने अपनी मुख्य मांगों में मानदेय को सम्मानजनक स्तर तक बढ़ाने, न्यूनतम वेतन अधिनियम के अनुसार भुगतान, जबरन हटाने की प्रक्रिया पर रोक, सभी को मोबाइल व नेट भत्ता, यात्रा भत्ता, प्रतिमाह सीधा बैंक खाते में भुगतान, नियुक्ति पत्र और नियमितिकरण।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
