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ड्रोन हमले के बाद रूस की किरिशी रिफाइनरी का सबसे बड़ा यूनिट बंद

मॉस्को, 06 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । रूस की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरियों में से एक किरिशी ऑयल रिफाइनरी को ड्रोन हमले और उसके बाद लगी आग के कारण अपना मुख्य क्रूड डिस्टिलेशन यूनिट (सीडीयू-6) बंद करना पड़ा है। उद्योग सूत्रों के अनुसार, यह हमला 04 अक्टूबर को हुआ था और इस यूनिट की मरम्मत में करीब एक माह का समय लग सकता है।

यह बंदी उस समय हुई है जब रूस ईंधन संकट से जूझ रहा है। देश में कई लोकप्रिय किस्मों के पेट्रोल की कमी चल रही है, जबकि यूक्रेनी ड्रोन हमलों ने ऊर्जा ढांचे को बार-बार निशाना बनाया है।

सूत्रों के मुताबिक, सीडीयू-6 की क्षमता 8 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (लगभग 1.6 लाख बैरल प्रतिदिन) है, जो रिफाइनरी की कुल प्रसंस्करण क्षमता का करीब 40 प्रतिशत हिस्सा है।

रिफाइनरी का संचालन सर्गुतनेफ्तेगाज (Surgutneftegaz) कंपनी के अधीन है, जिसने फिलहाल टिप्पणी करने से इनकार किया है। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने सितंबर में ड्रोन हमले से क्षतिग्रस्त अपने दूसरे प्रमुख यूनिट को फिर से चालू कर दिया है।

सीडीयू-6 के रखरखाव के दौरान रिफाइनरी 70 प्रतिशत क्षमता पर काम करती रहेगी, अन्य यूनिट्स के अधिकतम उपयोग से उत्पादन में गिरावट को आंशिक रूप से संतुलित किया जाएगा।

2024 में इस रिफाइनरी ने 17.5 मिलियन टन कच्चे तेल का प्रसंस्करण किया था, जो रूस की कुल तेल रिफाइनिंग क्षमता का 6.6 प्रतिशत था। इस अवधि में रिफाइनरी ने 2 मिलियन टन पेट्रोल, 7.1 मिलियन टन डीजल, 6.1 मिलियन टन फ्यूल ऑयल, और 6 लाख टन बिटुमेन का उत्पादन किया था।

ड्रोन हमलों की बढ़ती घटनाओं से रूस के ऊर्जा उत्पादन और आपूर्ति तंत्र पर गंभीर दबाव पड़ रहा है, जिससे घरेलू ईंधन बाजार में अस्थिरता बढ़ने की संभावना है।

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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