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छत्तीसगढ़ में राज्य स्त्रोत नि:शक्त जन संस्थान से जुड़े 1,000 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में सीबीआई की दबिश

रायपुर के माना स्थित समाज कल्याण विभाग के दफ्तर के खड़ी सीबीआई के अधिकारियों की कार

रायपुर, 6 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सोमवार को सीबीआई की टीम ने राजधानी रायपुर के माना स्थित समाज कल्याण विभाग के दफ्तर में दबिश दी। यह कार्रवाई राज्य स्त्रोत नि:शक्त जन संस्थान (एसआरसी) से जुड़े करीब 1,000 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में की गई है। राजधानी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीबीआई के अधिकारियों ने विभाग के उप संचालक से मुलाकात कर घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज जब्त किए और अपने साथ ले गए।

उल्लेखनीय है कि 2017 में रायपुर के कुशालपुर निवासी कुंदन सिंह ठाकुर ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय दायर एक जनहित याचिका में आरोप लगाया था कि स्टेट रिसोर्स सेंटर फॉर डिसेबल्ड (एसआरसी) नामक संस्था केवल कागजों पर मौजूद थी। वर्ष 2004 से 2018 तक इसके नाम पर करीब 1,000 करोड़ रुपये का दुरुपयोग हुआ।

उच्च न्यायालय की जस्टिस पीपी साहू और जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की डबल बेंच ने 24 सितंबर कोइस मामले की गंभीरता को देखते हुए कहा था कि यह स्थानीय एजेंसियों या पुलिस जांच के दायरे का विषय नहीं है। कोर्ट ने इसे संगठित और सुनियोजित अपराध करार देते हुए सीबीआई को 15 दिनों के भीतर सभी दस्तावेज जब्त कर जांच शुरू करने का निर्देश दिया था।

जानकारी के अनुसार यह एनजीओ आईएएस अधिकारियों द्वारा बनाया गया था, जिसके माध्यम से सरकारी धन की बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई।इस मामले में 6 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों विवेक ढांड (पूर्व मुख्य सचिव), आलोक शुक्ला, एम.के. राउत, सुनील कुजूर, बी.एल. अग्रवाल और पी.पी. सोती के नाम सामने आए हैं। राज्य सेवा अधिकारियों जैसे सतीश पांडेय, राजेश तिवारी, अशोक तिवारी, हरमन खलखो, एम.एल. पांडेय और पंकज वर्मा की भूमिका भी संदेह के दायरे में हैं।

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(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा

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