
जम्मू, 6 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मिशन स्टेटहुड जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष सुनील डिम्पल ने मीडिया से बात करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से आगामी विधानसभा सत्र, जो 23 अक्टूबर से शुरू हो रहा है, में राज्य का दर्जा बहाल करने, अनुच्छेद 370 लागू करने, महाराजा हरि सिंह द्वारा हस्ताक्षरित इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन और स्टैंडस्टिल एग्रीमेंट को लागू करने से संबंधित विधेयक लाने की मांग की। उन्होंने राज्य विषय प्रणाली को पुनः लागू करने और लद्दाख, पीओके, गिलगित-बाल्टिस्तान को मिलाकर जम्मू-कश्मीर डोगरा राज्य के एकीकरण के लिए विधेयक लाने की भी मांग की।
डिम्पल ने याद दिलाया कि मिशन स्टेटहुड ने नेशनल कॉन्फ्रेंस का सरकार गठन में पूरा समर्थन दिया था और उमर अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री बनाने में सहयोग किया था। उन्होंने घोषणा की कि मिशन स्टेटहुड का संघर्ष राज्य के दर्जे और अनुच्छेद 370 की बहाली तक जारी रहेगा। डिम्पल ने कहा कि अक्टूबर का महीना ऐतिहासिक है। 10 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में राज्य के दर्जे पर सुनवाई है, 16 अक्टूबर को गठबंधन सरकार का एक वर्ष पूरा होगा, 23 अक्टूबर को विधानसभा सत्र आरंभ होगा और 26 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और गठबंधन सरकार ने युवाओं और आम जनता से किए गए वादे पूरे नहीं किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की बहाली, रोजगार और भूमि अधिकारों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। डिम्पल ने मांग की कि राज्यसभा चुनावों में जम्मू डोगरा हिंदू समुदाय से एक व्यक्ति को नामांकित किया जाए, न कि हारे हुए नेताओं या पूर्व मंत्रियों को। उन्होंने लद्दाख के लोगों की राज्य का दर्जा बहाल करने, अनुच्छेद 370 और भूमि व रोजगार की गारंटी की मांगों का समर्थन किया। साथ ही आरोप लगाया कि भाजपा कभी भी जम्मू-कश्मीर डोगरा राज्य को बहाल नहीं करेगी।
डिम्पल ने हज़रतबल प्रतीक, सोनम वांगचुक पर एनएसए और महाराज मलिक पर पीएसए लगाने जैसी घटनाओं को षड्यंत्र बताया और कहा कि यह राज्य की बहाली रोकने की साजिश का हिस्सा हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन और स्टैंडस्टिल एग्रीमेंट को लागू करने की तत्काल मांग की।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
