Madhya Pradesh

हरदा : अनाज को बीज के रूप में बेचने वाले गिरोह सक्रिय

फाइल फोटो

हरदा, 6 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मध्‍य प्रदेश के हरदा जिले में इस समय अनाज को बीज के रूप में बेचने वाला गिरोह सक्रिय है। कृषि विभाग, बीज निगम व अन्य विभाग के अधिकारी सक्रिय गिरोह के बारे में जानकारी देने में आनाकानी कर रहे हैं। एक दूसरे से जानकारी लेने की बात कह कर अपना पल्लू झाड़ रहे हैं।

निर्मल सीड्स, जेमेन्डा कंपनी के बीज को पूना, सिकंदराबाद सहित अन्य बाहर भेजा जा रहा है। अनाज को सर्टिफाइड और ग्रीडिंग करके किसानों से 4 हजार की दर से खरीदा गया सोयाबीन बीज के रूप में 8 से 10 हजार रुपये में बेचा जा रहा है। इसकी खबर सुर्खियों में है फिर भी छापामारा कर कंपनी द्वारा किसानों व शासन के साथ की जा रही धोखाधड़ी का भंडाफोड़ नहीं किया जा रहा है।

सिद्धिविनायक वेयरहाउस की जांच से खुलेगी पोल -खोरे

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के पूर्व जिलाध्यक्ष रामनिवास खोरे का कहना है कि मगरधा रोड पर नकवाडा और सिरकंबा के बीच सिद्धि विनायक वेयरहाउस में हजारों क्विंटल सोयाबीन किसानों से खरीदी कर उसे बीज बनाकर बेचा जा रहा है। कंपनियां निर्मल सीट्स, जेमेन्डा सहित अन्य द्वारा ऐसा खेल वर्षों से किया जा रहा है। जिसे कोई देखने व सुनने वाला नहीं है।

पंजीयन व रजिस्ट्रेशन के बिना कंपनियां सक्रिय -वाष्ट

किसान नेता रामजीवन वाष्ट का कहना है कि बीज की कंपनियां बिना रजिस्ट्रेशन व पंजीयन के सक्रिय है। बीज निगम, कृषि विभाग सहित अन्य विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। कंपनियां अच्छे बीज बोकर उसे तैयार करने की बजाय किसानों से सोयाबीन खरीद कर सिद्धि विनायक वेयरहाउस में खरीदे गए गेहूं, चना, सोयाबीन का स्टॉक बनाकर रखा गया है। ग्रेडिंग करके बड़े अनाज को निकाल कर कलर और सर्टिफाइड करके उसे 8 से 10 हजार में बेचा जा रहा है। वेयरहाउस से पूना सिकंदराबाद सहित बाहर बीज बड़े पैमाने पर भेजा जा रहा है ।

शासन को लगाया जा रहा चूना –

पंजीयन रजिस्ट्रेशन कराये बिना बीज उत्पादन किये बिना किसान से अनाज खरीद कर बीज बनाकर बेचा जा रहा है। इससे शासन को टैक्स के रूप में भी लाखों का चूना लग रहा है। विभाग के अधिकारी की मिली भगत से ऐसा हो रहा है। सिद्धिविनायक वेयरहाउस में जो अनाज का स्टॉक कहां का है। इस बारे में जानकारी नहीं दी जा रही है। गुपचुप तरीके से सारा खेल किया जा रहा है।

नहीं उगता बीज –

किसान जब बीज बोते हैं तो कहीं-कहीं बीज नहीं उगता है। कंपनी को दोषी व अन्य कारणों को दोषी बनाकर किसानों को गुमराह किया जाता है। नियमानुसार स्थानीय लोगों और कंपनियां के बीच निगम के बीज उत्पादन का कार्य करवाना चाहिए। किंतु बाहर की कंपनियां वर्षों से सक्रिय है । किसानों को चूना लगा रही है और टैक्स की चोरी कर रही है। जिम्मेदार जवाबदेह अधिकारी अपनी जेब गरम करके शासन को टैक्स के रूप में क्षति पहुंचा रहे हैं।

पल्लू झाड़ रहे अधिकारी -पटेल

कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष ओम पटेल का कहना है कि सिद्धिविनायक वेयरहाउस में कंपनियों द्वारा किये जा रहे बीज उत्पादन के कार्य को अनदेखी किया जा रहा है। किसानों के समान अनाज को ग्रेडिंग करके कलर करके उत्तम गुणवत्ता के बीज की बोरी में पैक कर उसे बेचा जा रहा है। बीज उत्पादन कंपनियों के उत्पादक स्थल का मुआयना किया जाये और आसपास के लोगों से वास्तविकता का पता लगाया जाये तो सब कुछ आईने की तरह स्पष्ट हो जायेगा। नकली बीज के मामले सामने आने के बाद भी गंभीरता से लेकर जांच पड़ताल करके हकीकत का पता नहीं लगाया जा रहा है। अधिकारी इसमें रूचि नहीं ले रहे हैं। जिसके कारण उनकी भी भूमिका संदिग्ध है। कहीं न कहीं सांठगांठ करके बीज कंपनियों को संरक्षण दिया जा रहा है।

इस संबंध में हरदा कृषि विभाग के उप संचालक जवाहरलाल कास्दे का कहना है कि सिंजेंटा के नाम से कंपनी का रजिस्ट्रेशन है। सन् 2023 में रजिस्ट्रेशन कराया गया था, रजिस्ट्रेशन कार्यवाही 5 साल के लिए होती है। यह रजिस्ट्रेशन 2028 तक है। सर्टिफिकेशन के बाद ही बीज तैयार किया जाता है।

(Udaipur Kiran) / Pramod Somani

Most Popular

To Top