
धर्मशाला, 06 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की वित्तीय स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। बोर्ड कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने सोमवार को जारी एक प्रेस बयान में बताया कि शिक्षा बोर्ड द्वारा विद्यार्थियों को सरकार के माध्यम से उपलब्ध करवाई जाने वाली किताबों और प्रश्न पत्रों के भुगतान में सरकार की ओर से काफी देरी हो रही है। इससे बोर्ड की आर्थिक स्थिति पर सीधा असर पड़ा है।
सुनील शर्मा के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2023-24 और 2024-25 की किताबों का 23 करोड़ 59 लाख 54 हजार रुपये का भुगतान लंबित है, वहीं सत्र 2025-26 की किताबों का लगभग 55 करोड़ रुपये तथा कक्षा तीसरी, पांचवीं, आठवीं, नौवीं और ग्यारहवीं के प्रश्न पत्रों का लगभग आठ करोड़ रुपये का भुगतान भी अभी तक सरकार द्वारा नहीं किया गया है। इस प्रकार कुल लगभग 87 करोड़ रुपये की राशि शिक्षा विभाग स्तर पर अटकी हुई है, जिससे बोर्ड के सामने गंभीर वित्तीय संकट खड़ा हो गया है।
उन्होंने कहा कि भुगतान में हो रही देरी के चलते बोर्ड के परीक्षा कार्य और अध्यापकों से जुड़े भुगतान प्रभावित हो रहे हैं। अध्यापक यूनियनों ने भी बोर्ड पर बकाया भुगतान करने का दबाव बनाया है और कुछ ने परीक्षा संबंधी कार्यों से इंकार करना शुरू कर दिया है।
वहीं बोर्ड कर्मचारी संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने लंबित 87 करोड़ रुपये की राशि जल्द जारी नहीं की, तो कर्मचारी संघ आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग की होगी।
बोर्ड के करीब 350 कर्मचारी और 450 पेंशनर्स इस वित्तीय संकट से सीधे प्रभावित हो रहे हैं। वहीं नवंबर माह में वेतन व पेंशन वितरण पर भी संकट मंडरा रहा है।
(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया
