HimachalPradesh

विमल नेगी मौत मामला: निलंबित एएसआई पंकज शर्मा की जमानत पर हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को

विमल नेगी

शिमला, 06 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसी) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी मौत के मामले में सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार निलंबित एएसआई पंकज शर्मा की जमानत याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने पंकज शर्मा की जमानत पर अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को निर्धारित की है।

पंकज शर्मा ने विशेष सीबीआई अदालत शिमला के फैसले को हाईकोर्ट में अपील के माध्यम से चुनौती दी है। विशेष अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें 26 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। सीबीआई ने इस मामले में पंकज शर्मा की गिरफ्तारी की थी।

उधर, आईएएस अधिकारी और एचपीपीसी के पूर्व प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा की अग्रिम जमानत की सुनवाई भी 9 अक्टूबर तक टाल दी गई है। हाईकोर्ट ने हरिकेश मीणा को दंडात्मक कार्रवाई से मिली अंतरिम सुरक्षा की अवधि बढ़ा दी है।

पंकज शर्मा को 14 सितंबर को बिलासपुर जिले के पैतृक गाँव से इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। शुरुआत में उन्हें सीबीआई हिरासत में रखा गया, लेकिन बाद में न्यायिक हिरासत में कैथू जेल भेजा गया। सीबीआई की विशेष अदालत ने 16 सितंबर को उनकी पुलिस हिरासत बढ़ाने की एसआईटी की मांग को अस्वीकार किया और 26 सितंबर तक उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

पंकज शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने विमल नेगी की जेब से पेन ड्राइव निकाल ली थी और उनका लैपटॉप कब्जे में लेकर अहम डेटा डिलीट किया। इसके अलावा, उनके घर से कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किए गए थे। घटना के समय पंकज शर्मा किसी जांच दल का हिस्सा नहीं थे, फिर भी वह घटनास्थल पर पहले मौजूद थे। इसी आधार पर उन पर सबूतों से छेड़छाड़ और साक्ष्य नष्ट करने के आरोप लगे हैं।

इस मामले की जांच पहले एचपीपीसी के तत्कालीन अधिकारियों और कर्मचारियों तक फैली हुई थी। वर्तमान में हरिकेश मीणा और पूर्व निदेशक देशराज अग्रिम जमानत पर हैं। विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी और भाई सुरेंद्र नेगी के बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं।

विमल नेगी 10 मार्च को अचानक शिमला से लापता हो गए थे। आठ दिन बाद 18 मार्च को उनका शव बिलासपुर के गोविंद सागर झील के किनारे मिला। परिजनों ने वरिष्ठ अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था और पत्नी किरण नेगी ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामला सीबीआई के हाथ में गया।

सीबीआई ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है। जांच के दौरान प्रदेश सरकार ने निलंबित निदेशक देशराज को बहाल कर हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड में चीफ इंजीनियर पद पर तैनात कर दिया।

विमल नेगी की मौत ने पूरे प्रशासनिक और पुलिस तंत्र में हलचल मचा दी थी। इस मामले के दबाव में सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा, तत्कालीन पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा और शिमला एसएसपी संजीव गांधी को अवकाश पर भेजा था। बाद में ओंकार शर्मा और संजीव गांधी ने ड्यूटी फिर से जॉइन कर ली थी।

—————

(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

Most Popular

To Top