शिमला, 06 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । बहुचर्चित संजौली मस्जिद मामले में जिला अदालत में सोमवार को सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है। अब इस मामले पर 30 अक्तूबर को फैसला सुनाया जाएगा।
यह मामला नगर निगम आयुक्त के उस फैसले से जुड़ा है, जिसमें संजौली मस्जिद की निचली दो मंजिलों को अवैध करार दिया गया था। आयुक्त ने इन मंजिलों को गिराने के आदेश दिए थे, जिसके खिलाफ वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी ने जिला अदालत में चुनौती दी है। इससे पहले मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को तोड़ने के आदेश पिछले साल पांच अक्तूबर को दिए जा चुके हैं, जिनमें से दो मंजिलें मस्जिद कमेटी ने खुद ही गिरा दी हैं।
नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने इस वर्ष तीन मई को मस्जिद की निचली दो मंजिलों को भी गिराने का आदेश दिया था। इस आदेश को वक्फ बोर्ड ने अदालत में चुनौती दी थी। कोर्ट में फिलहाल इसी आदेश पर सुनवाई चल रही थी।
गौरतलब है कि संजौली मस्जिद विवाद मतियाणा में युवकों की पिटाई के बाद उभरा था, जिसके बाद हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था। 11 सितंबर को मस्जिद कमेटी ने अवैध हिस्से को हटाने की पेशकश की थी, जिसके बाद 5 अक्तूबर को नगर निगम आयुक्त की अदालत ने तीन मंजिलें तोड़ने की मंजूरी दी थी।
वक्फ बोर्ड का तर्क है कि यह मस्जिद 1947 से पहले की है और पुरानी मस्जिद को तोड़कर नया निर्माण किया गया। वहीं, स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि मस्जिद पहले से मौजूद थी, तो नए निर्माण के लिए नगर निगम से नक्शा और अनुमति क्यों नहीं ली गई। वक्फ बोर्ड राजस्व से जुड़े दस्तावेज अदालत में स्पष्ट रूप से प्रस्तुत नहीं कर पाया था, इसी आधार पर नगर निगम आयुक्त ने निचली दो मंजिलों को भी अवैध घोषित कर दिया था।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
